महिला प्रधान फिल्में कम बनने के सवाल पर फराह ने कहा,’सभी एक प्रकार के बिज़नेस मॉड्यूल पर चलते हैं। एक बड़े बजट की बड़े हीरो की फ़िल्म ज्यादा कमाई करती है। दर्शक एक महिला लीड की फ़िल्म देखने थिएटर में नहीं जाती है। वो महिला प्रधान फ़िल्म की बजाय एक बड़े हीरो की फ़िल्म देखना पसंद करते हैं।’
मसाला फिल्में बनाने के इल्ज़ाम के बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होने कहा, ‘किसी भी निर्देशक को यह नहीं बताया जाना चाहिए कि क्या बनाना है और क्या नहीं बनाना है। मैं अपनी हर फिल्म में यह सुनिश्चित करती हूं कि महिलाओं के पास कोई काम हो, न कि वह एक किरदार के तौर पर अपनी शादी हो जाने का इंतज़ार कर रही हो। आप मेरी फ़िल्म में किसी तरह की कोई अश्लीलता भी नहीं पाएंगे।’