बेटी ने पहनी पिता की पगड़ी
जयपुरPublished: Nov 19, 2015 04:32:00 pm
अब तक तो पुत्र नहीं होने पर पिता की अर्थी को कंधा एवं मुखाग्नि देने की
खबरें तो कई बार देखने और सुनने को मिली है, लेकिन पिता की पगड़ी बांध उनकी
जिम्मेदारियों का निर्वाह करने का किस्सा पहली बार जिले के बोहत कस्बे में
देखने में आया है।
अब तक तो पुत्र नहीं होने पर पिता की अर्थी को कंधा एवं मुखाग्नि देने की खबरें तो कई बार देखने और सुनने को मिली है, लेकिन पिता की पगड़ी बांध उनकी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने का किस्सा पहली बार जिले के बोहत कस्बे में देखने में आया है।
यहां पर एक पन्द्रह वर्षीया किशोरी ने पिता की मृत्यु के बाद उनकी पगड़ी बांध कर जिम्मेदारियों को अपने कंधे पर ले लिया है। गत छह नवम्बर को बारां-मांगरोल सड़क मार्ग पर खेत से पानी पिलाकर आए धनराज सुमन को टे्रक्टर द्वारा कुचल देने से मृत्यु हो गई थी।
धनराज के चार पुत्रियां है और पुत्र नहीं होने से अंतिम संस्कार तो नाते रिश्तेदारों ने कर दिया, लेकिन बुधवार को हुए सामाजिक कार्यक्रम में पिता की सारी जिम्मेदारियों का बोझ उनकी सबसे बड़ी पुत्री 15 वर्षीय मिथलेश ने समाज के बीच पगड़ी धारण कर उठाया।
मिथलेस के चार बहनें है। इनमें सबसे छोटी बहन गायत्री अभी यूकेजी में पड़ती है। इसके अलावा पिंकी, रिंकू, ममता है। खेलने कूदने की उम्र में इन बालिकाओं के सिर से पिता का साया उठ गया। मिथलेस का कहना है कि वह अपनी मां एवं बहनों की जिम्मेदारी एक बेटे की तरह से करेंगी।