ऋतिक रोशन
लड़कियां और लड़कों में कोई फर्क नहीं है यह कहना बॉलीवुड के सुपरहीरो ऋतिक रोशन का। लड़कियों और लड़कों को लेकर जितने भी भ्रम हैं उन्हें मिटा देना चाहिए। हमें दोनों को ही सम्मान रूप से देखना चाहिए। मैं जानता हूं कि वर्षों से लड़कियों को लेकर एक मिथ चला आ रहा है जिसको लड़कियां फील भी कर रही हैं। कुछ का सोचना है कि लड़कियों, लड़कों के साथ काम नहीं कर सकती। ये सब झूठ है और इससे बाहर निकलना चाहिए। आज लड़कियां महसूस करा रही हैं कि वह किसी भी तरह बेटों से कम नहीं हैं। वह लड़कों के सम्मान ही है। इसका मतलब यही है कि जहां लड़के जरूरी है वहां लड़कियां भी। दोनों में किसी तरह का कोई फर्क नहीं है दोनों ही सम्मान हैं।
इमरान हसनी
‘डॉटर्स डे’ पर मेरे बेटियों और देश की समस्त बेटियों को अपना आशीर्वाद, स्नेह और प्यार देते हुए इमरान हसनी ने कहा कि हर दिन ‘डॉटर्स डे’ होता है। जिस घर में बेटियां होती है उस घर में सदा मुस्कराहट, खुशबू और वातावरण ही अलग होता है। जिस घर के अंदर बेटियों की इज्जत होती है वो घर पनपता है। कहते हैं जिस घर पर रब की मेहरबानी होती है उस घर में बेटियां पैदा होती हैं। मेरे घर भी दो बेटियां है। मेरे परिवार में शुरुआत से ही बेटियों को लेकर किसी तरह को कोई भेदभाव नहीं रहा। मैं बेटियों से कहना चाहता हूं कि समाज क्या कहता है उन्हें इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए। इससे अपना मनोबल नहीं गिरने देना है और उन्हें कभी ये कहने की जरूरत भी नहीं है कि बेटे जैसी है। क्योंकि आपका उनसे कंपेरिजन भी अपने आप में छोटा करता है। आप किसी के जैसी नहीं आप बेटी है और बेटी बनकर ही रहिए। हमें ‘बेटी बचाओं’ के नारे से उपर उठने की जरूरत है। आज किसी भी फील्ड में लड़कियों, लड़कों से कम नहीं बल्कि आगे ही हैं।
वाणी कपूर
एक लड़की के लिए पैरेंट्स बहुत जरूरी होते हैं और स्पेशल फादर अपनी बेटी के सबसे क्लोज माने जाते हैं। लड़कियां अपने पैरेंट्स के बहुत करीब होती है और उनकी देखभाल भी अच्छे से करती हैं ये कहना है ‘वॉर’ एक्ट्रेस वाणी कपूर का। आजकल की लड़कियां इमोशनली और मेंटली तौर पर बहुत आगे बढ़ चुकी हैं। मुझे लगता है कि लड़कियां बहुत समझदार होती है और अपने पैरेंट्स का ज्यादा सहारा बनती हैं। एक लड़की होने को लेकर मैं बहुत खुश हूं। मैं सोचती हूं कि ऐसी कितनी और लड़कियां हैं जो अपने पैरेंट्स को प्राउड फील कराती हैं।