प्रसिद्ध हिन्दी फिल्म निर्माता-निर्देशक चेतन आनन्द फिल्म अभिनेता देव आनन्द के बड़े भाई थे । चेतन ने अपने भाई देव आनन्द के साथ मिलकर “नवकेतन फिल्म्स” की स्थापना की थी। चेतन अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे उनके छोटे भाई-बहनों में देव आनन्द, विजय आनन्द और बहन कांता कपूर थी। कांता कपूर मशहूर फिल्म निर्देशक शेखर कपूर की माताजी हैं।
शुरूआती जीवन
चेतन आनन्द का जन्म 3 जनवरी 1921 को लाहौर में हुआ था, उनके पिता लाहौर के जाने-माने वकील थे। ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद चेतन इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्य भी बने। चेतन मुंबई आने से पहले कुछ दिनों तक “बीबीसी” के लिए भी काम किया था।
फिल्मी करियर की शुरूआत
साल 1940 में चेतन अपने लिखी हुई कहानी को बेचने के लिए मुंबई आए और मशहूर निर्देशक फनी मजूमदार से मिले, फनी ने चेतन को अपनी फिल्म “राजकुमार” में मुख्य कलाकार के लिए कास्ट किया। इंडस्ट्री में आने के कुछ सालों के बाद ही चेतन ने निर्देशन में अपना हाथ आजमाया और साल 1946 “नीचा नगर ” नाम की फिल्म का निर्देशन किया जिसने राष्ट्रीय और अंतर्रराष्ट्रीय स्तर पर बहुत तारीफ बटोरी। “नीचा नगर” पहली भारतीय फिल्म है जिसे देश से बाहर भी इतना सराहा गया।
साल 1950 में चेतन ने अपने भाई देव आनन्द के साथ मिलकर “नवकेतन फिल्म्स” की स्थापना की और उनके बैनर तले पहली फिल्म देव आनन्द और सूरैया के अभिनय से सजी फिल्म “अफसर” थी। इसके बाद इस बैनर तले उन्होने “टैक्सी ड्राइवर” और “आंधीयां” सहित कुछ और फिल्मों का निर्देशन किया।
कुछ सालों बाद चेतन ने नवकेतन से अलग होकर अपना खुद का प्रोडेक्शन हाउस “हिमालय फिल्म्स” के नाम से शुरू किया । इस बैनर तले चेतन ने हकीकत, हीर रांझा, हंसते जख्म और हिंदुस्तान की कसम जैसी शानदार फिल्मों का निर्माण किया ।
राजेश खन्ना जैसे शानदार अभिनेता को दुनिया के सामने लाने का श्रेय भी चेतन को ही जाता है उन्होने ही राजेश खन्ना को “आखिरी खत” में कास्ट किया था, बाद में साल 1981 में चेतन ने राजेश खन्ना को फिल्म “कुदरत” में निर्देशित किया था। चेतन की आखिरी निर्देशित फिल्म 1986 में “हाथों की लकीरें “थी।
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को कई बहतरीन फिल्में देने के बाद चेतन आनन्द ने साल 1988 में “परमवीर चक्र” नामक एक सीरियल भी बनाया था।
निधन चेतन आनन्द का निधन 6 जुलाई 1997 में लम्बी बीमारी के बाद मुंबई में हुआ था।