शशांक ने कहा, ‘जब सैराट देखी थी तब ही तय कर लिया था कि मैं इस फिल्म को अपने तरीके से फिर से बनाऊंगा, लेकिन उस समय किसके साथ बनाऊंगा यह फाइनल नहीं किया था। हां मैं ईशान को जानता जरूर था, ईशान के साथ धर्मा प्रोडक्शन में ही एक दूसरी कहानी पर काम करने के लिए बातचीत भी चल रही थी, लेकिन जाह्नवी को तो मैं बिल्कुल भी नहीं जानता था। जब करण को धड़क का आइडिया पसंद आया, तब जाकर मैंने ईशान को लेकर सोचना शुरू कर दिया था। कुछ महीनों के बाद मैं जाह्नवी से मिला तब सिलसिला आगे बढ़ा।’
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सैराट’ के साथ ‘धड़क’ की तुलना के प्रेशर पर शशांक कहते हैं, ‘मैं कभी भी किसी चीज का प्रेशर नहीं लेता हूं, न ही मुझे इस बात की कोई चिंता है कि कुछ लोग धड़क की तुलना सैराट से करेंगे और बाद में आलोचना भी करेंगे। मैं तो यह सोचता हूं कि अगर मैं कोई नई कहानी के साथ भी फिल्म बनाता तब भी फिल्म किसी को पसंद आती और किसी को नहीं। जब बद्री की दुल्हनिया बनाई तो उसे हम्प्टी… से कम्पेयर किया गया और जब हम्प्टी… बनाई तो दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे से तुलना की गई। इसलिए मुझे किसी चीज का कोई डर नहीं है, कोई प्रेशर नहीं है। मैंने ईमानदारी और मेहनत से एक अच्छी फिल्म बनाई है, उम्मीद है लोग पसंद करेंगे और जो लोग आलोचना करेंगे उनका भी हम सम्मान करते हैं।’