अपना पेट पालने के लिए गुलजार ने कई छोटे-मोटे काम किए। जिसमें से एक गैराज में काम करना भी रहा। इस दौरान भी गुलजार एक स्टोर से कविताओं की किताबें लेकर पढ़ा करते थे। गैराज से जब भी वक्त मिलता तो वो अपनी कलम से शायरियां और कविताएं (Gulzar peoms and poetry) लिखते। एक दिन डायरेक्टर विमल रॉय (Vimal Roy) उसी गैराज पर अपनी कार ठीक कराने पहुंचे और गुलजार की किस्मत बदल गई। गुलजार की पहली फिल्म ‘काबुलीवाला’ थी। जिसमें उन्होंने अपना पहला गाना ‘गंगा आए कहां से’ लिखा था। इसके बाद गुलजार ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 60 के दशक से लेकर अभी तक गुलजार ने कई हिट गाने दिए हैं। तेरे बिना जिंदगी से कोई, तुम आ गए हो, तुझसे नाराज नहीं जिंदगी, रात के ढाई बजे, डार्लिंग, छपाक (Chhapaak) जैसे कई बेहतरीन गाने दिए हैं।
इसके अलावा गुलजार कई फिल्में डायरेक्ट भी की। जिसमें ‘मेरे अपने’, ‘परिचय’, ‘अचानक’, ‘खूशबू’, ‘आंधी’, ‘मीरा’, ‘अंगूर’, ‘इजाजत’, ‘लिबास’ और ‘माचिस’ जैसी मूवीज शामिल हैं। गुलजार को उनके बेहतरीन काम के लिए कई अवार्ड्स से नवाजा जा चुका है। ग्रैमी अवॉर्ड, साहित्य अकेदमी अवॉर्ड, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड इस लिस्ट में शामिल हैं।
गुलजार अपनी प्रोफेशनल लाइफ को लेकर जितना चर्चाओं में रहे उतनी ही उनकी पर्सनल लाइफ भी उतार-चढ़ाव भरी रही। हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अदाकारा राखी से गुलजार ने शादी की। हालांकि एक साल के बाद ही दोनों अलग हो गए। वजह थी राखी का फिल्मों में काम जारी रखना। गुलजार चाहते थे कि शादी के बाद वो अपना काम छोड़ दें लेकिन वो ऐसा नहीं करना चाहती थी। लेकिन आजतक दोनों ने तलाक नहीं लिया है। दोनों की एक बेटी मेघना गुलजार हैं। जिन्होंने राजी और छपाक जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है।
वहीं मेघना गुलजार (Meghna Gulzar) ने अपने पिता के लिए एक फोटो पोस्ट करते हुए उनके लिए प्यार जाहिर किया है। मेघना ने कहा कि मुझे पता है मैं लिख सकती हूं उनकी इंक मुझमें दौड़ती है।