गुलशन ग्रोवर का जन्म 21 सितंबर, 1955 को दिल्ली में एक मध्य वर्गीय पंजाबी परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हासिल की। बाद में उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। बचपन के दिनों से ही गुलशन ग्रोवर का यह सपना था कि वह शोहरत की बुंलदियों तक पहुंचे। इस उद्देश्य से गुलशन ग्रोवर ने अस्सी के दशक के आखिरी वर्षो में मुंबई का रूख किया। मुंबई आने के बाद गुलशन ग्रोवर को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आश्वासन तो कई देते थे लेकिन फिल्म में काम करने का अवसर उन्हें नही मिलता था।
इस दौरान गुलशन ग्रोवर को सुनील दत्त निर्देशित फिल्म ‘रॉकी’ में एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला। इसे महज संयोग कहा जायेगा कि इसी फिल्म से अभिनेता संजय दत्त ने भी अपने सिने करियर की शुरूआत की थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी लेकिन इसके बाद भी गुलशन ग्रोवर अपनी कोई खास पहचान नही बना सके।
वर्ष 1983 गुलशन ग्रोवर की ‘सदमा’ और ‘अवतार’ जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी। वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म ‘राम लखन’ गुलशन ग्रोवर के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। सुभाष घई के निर्देशन में बनी इस फिल्म में गुलशन ग्रोवर को बतौर खलनायक एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला। किरदार का नाम था ‘केसरिया विलायती’। इस फिल्म में उनका बोला गया संवाद ‘बैडमैन’ दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। इसके बाद गुलशन ग्रोवर फिल्म इंडस्ट्री में बैडमैन के नाम से मशहूर हो गये।
हाल ही में गुलशन ग्रोवर को ‘बेस्ट एक्टर मेल’ का अवॉर्ड मिला है। ये अवॉर्ड उन्हें शॉर्ट फिल्म ‘Forbidden’ मूवी के लिए बोस्टन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में मिला है।
फिल्म ‘राम लखन’ की सफलता के बाद गुलशन ग्रोवर को अब बड़े बजट की फिल्मों में बतौर मुख्य खलनायक काम मिलना शुरू हो गया। इन फिल्मों में मुजरिम ‘जंगबाज’, ‘दूध का कर्ज’, ‘इज्जत’, ‘सौदागर’, ‘मां’, ‘शोला और शबनम’ जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों की सफलता के बाद गुलशन ग्रोवर बतौर खलनायक फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गये। वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म ‘सर’ गुलशन ग्रोवर के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। महेश भट्ट के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उनके किरदार का नाम था ‘छप्पन टिकली’। फिल्म में अपनी दमदार भूमिका के लिये गुलशन ग्रोवर अपने करियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित किये गये।
वर्ष 1997 में गुलशन ग्रोवर उन्हें अंग्रेजी फिल्म ‘जंगल बुक’ की दूसरी कड़ी में काम करने का अवसर मिला जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्ति हुयी। इसी वर्ष उनकी लोकप्रियता को देखते हुये वाशिंगटन की एक कंपनी से उन्हें विज्ञापन करने का प्रस्ताव मिला। यह हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा पहला मौका था जब किसी भारतीय अभिनेता को विदेशी कंपनी द्वारा विज्ञापन में काम करने का अवसर मिला। इसके बाद गुलशन ग्रोवर को हॉलीवुड फिल्मों में भी काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। इन फिल्मों में इस्ट साइड ‘टेल स्टिंग’, ‘मानसून’, ‘वीपर’, ‘इन द शैडोज ऑफ द कोबरा’, ‘वी आर नो मांकस’, ‘अमेरिकन डे लाइट’, ‘माई बॉलीवुड ब्राइड’, ‘बलांइड एंबिशन’जैसी कई फिल्में शामिल है।
हाल ही में गुलशन ग्रोवर की बायोग्राफी ‘बैडमैन’ रिलीज की गई है। इसमें उनके जीवन के उतार—चढ़ाव की कहानी डिटेल में दी हुई है। फिलहाल गुलशन 3 फिल्मों में काम कर रहे हैं। इनमें ‘सड़क 2’, ‘मुंबई सागा’, सुर्यवंशी जैसी बड़ी फिल्में शामिल हैं।