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B’day Special: राज बब्बर ने एंटी हीरो बन लूटी वाहवाही

Published: Jun 22, 2015 04:42:00 pm

NSD से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद राज बब्बर हीरो बनने का सपना लिए मुंबई पहुंच गए

raj babbar

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बॉलीवुड में राज बब्बर को ऎसे अभिनेता के तौर पर शुमार किया जाता है, जिन्होंने अपने दर्शकों के बीच एंटी हीरो की एक अलग ही पहचान बनाई। राज का जन्म 23 जून 1952 को हुआ। वर्ष 1975 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद बतौर अभिनेता बनने का सपना लिये वह मुंबई पहुंच गए। मुंबई आने के बाद मुख्य अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान वह निर्माता- निर्देशक प्रकाश मेहरा के ऑफिस में एक छोटे से कमरे में रहकर संघर्ष किया करते थे।

राज ने अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म “सौ दिन सास के” से की। इस फिल्म में उन्होंने अभिनेत्री रीना राय के पति की भूमिका निभाई। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई, लेकिन अभिनेत्री प्रधान फिल्म होने की वजह से उन्हें अधिक नोटिस नहीं किया गया। फिल्म “सौ दिन सास के” की सफलता के बावजूद राज को बतौर अभिनेता काम नहीं मिल रहा था। इसी दौरान राज को नजराना प्यार का ,साजन मेरे मैं साजन की, जज्बात, आप तो ऎसे ना थे जैसी कुछ फिल्मों में काम करने का मौका मिला, लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा।

राज की किस्मत का सितारा बी.आर.चोपड़ा की वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म “इंसाफ का तराजू” से चमका। फिल्म में उन्होंने बलात्कारी की भूमिका निभाई। फिल्म के निर्माण के समय बी.आर. चोपड़ा ने कई लोगाें को फिल्म की कहानी सुनाई लेकिन कोई भी बतौर अभिनेता फिल्म में काम करने को तैयार नहीं हुआ। बाद में जब उन्होंने फिल्म की कहानी राज को सुनाई तो उन्होंने इस फिल्म को चुनौती के तौर पर लिया और इसके लिए हामी भर दी और सुपरहिट साबित हुई। इस फिल्म के जरिए वे काफी हद तक इंडस्ट्री में पहचान बनाने में कामयाब हो गए। “इंसाफ का तराजू” की सफालता के बाद राज बी.आर.चोपड़ा के प्रिय अभिनेता बन गए और उन्होंने राज को लगभग अपनी हर फिल्म में काम देना शुरू कर दिया।

फिल्म इंसाफ का तराजू की सफलता के बाद राज बब्बर ने अपनी खलनायक की इमेज की परवाह किए बिना रामांटिक फिल्मों में अभिनय करना जारी रखा। इन फिल्मों में पूनम ढिल्लो के साथ पूनम और अनिता राज के साथ पे्रेम गीत शामिल है। वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म कर्मयोद्धा बतौर मुख्य अभिनेता राज के सिने करियर की अंतिम फिल्म साबित हुई जो कि बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। राज के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेत्री स्मिता पाटिल के साथ काफी पसंद की गई। उनकी जोड़ी सबसे पहले वर्ष 1981 में प्रदर्शित फिल्म तर्जुबा में एक साथ दिखाई दी। बाद में उन्होंने स्मिता पाटिल से विवाह कर लिया। हिंदी फिल्मों के अलावे राज ने पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय कर दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया।

फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद राज ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया। राज ने अपने तीन दशक लंबे सिने करियर में 250 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है। वह आज भी उसी जोशो-खरोश के साथ फिल्म और राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
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