मामले की अगली सुनवाई सात सितंबर को होगी। पेपर बुक अदालत रजिस्ट्री द्वारा तैयार की जाती है। इसमें मामले से संबंधित सभी सबूत-दस्तावेज होते हैं। इसे मामले के दोनों पक्षों को सौंपा जाता है।
मंगलवार को सलमान के वकील अमित देसाई ने उच्च न्यायालय में कहा था कि पेपर बुक में बचाव पक्ष से जुड़े कुछ दस्तावेज नहीं हैं। ऎसे में वह सलमान की अपील पर बहस नहीं कर सकते। उन्होंने एक दस्तावेज को खास तौर से महत्वपूर्ण बताया था। कहा था कि पुलिस का गवाह रविंद्र पाटील “बनाया गया गवाह” था और सच नहीं बोल रहा था।
अभियोजन पक्ष के वकीलों पूर्णिमा कंथारिया और एस.एस.शिंदे ने कहा था कि पेपर बुक में दस्तावेज न हों तो भी ये सभी रिकार्ड और कार्यवाही का हिस्सा हैं। बचाव पक्ष इन्हें वहीं से ले सकता है। अदालत ने मामले की सुनवाई बुधवार तक टाल दी। बुधवार को नई पेपर बुक बनाने का निर्देश दिया।
गाड़ी से कुचलकर एक व्यक्ति को मारने के मामले में निचली अदालत ने सलमान को पांच साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ अपील पर सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने सजा पर रोक लगा दी और सलमान को जमानत दे दी थी।