गौरतलब है कि साल 2014 में ‘मर्दानी’ में सशक्त भूमिका निभाने के बाद रानी मुखर्जी ने बेटी आदिरा के जन्म के कारण ब्रेक ले लिया था। अब चार साल बाद उन्होंने फिल्म ‘हिचकी’ से कमबैक किया है। ब्रैड कोहेन की बुक ‘फ्रंट ऑफ द क्लास’ पर बेस्ड यह फिल्म न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर टूरेट सिंड्रोम से जूझ रही एक टीचर के स्ट्रगल की कहानी है। इस इमोशनल ड्रामा में मुख्य किरदार और उसकी जर्नी को सलीके से प्रस्तुत किया गया है, जो कि सोच बदलने का संदेश देने के साथ एंटरटेन भी करती है।
फिल्म की कहानी
नैना माथुर (रानी मुखर्जी) टीचर बनना चाहती है, पर बचपन से वह टूरेट सिंड्रोम से पीडि़त है, जिसके कारण उसे बार-बार हिचकी आती रहती है। जब वह स्टूडेंट थी तो उसे इस परेशानी के कारण 12 स्कूल बदलने पड़े थे, वहीं अब वह टीचर के रूप में कॅरियर बनाना चाहती है, तो उसे यहां भी पांच साल में 18 बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा है। आखिरकार काफी जद्दोजहद के बाद उसे एक बड़े स्कूल में मिड टर्म में टीचर की जॉब मिल जाती है। संघर्ष यहां भी उसका पीछा नहीं छोड़ता। यहां उसे राइट टू एजुकेशन के तहत स्कूल में दाखिल हुए 14 गरीब स्टूडेंट्स को पढ़ाने की चुनौती है, जो अपनी बदमाशियों के कारण पहले ही कई टीचर्स को स्कूल छोडऩे को मजबूर कर चुके हैं। जब नैना इन बच्चों से मुखातिब होती है तो वे उसको तरह-तरह से परेशान करते हैं। यहां तक कि उसकी हिचकी का भी मजाक बनाते हैं। नैना इन स्टूडेंट्स को सुधारना और पढ़ाना चाहती है, पर बच्चों के साथ-साथ मैनेजमेंट की चुनौतियां भी हैं। इसके बाद कहानी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं।