अमिताभ ने कहा कि साल 1969 में जब वह हिंदी फिल्म उद्योग से परिचित हो रहे थे, तो एक सामाजिक समारोह में उनकी मुलाकात शशि कपूर से हुई। अमिताभ ने लिखा, ‘शशि कपूर ! कहकर अपना परिचय देते हुए उन्होंने अपना गर्माहट भरा नरम हाथ बढ़ाया। उनके चेहरे पर मुस्कान और आंखों में चमक थी। उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं थी। हर कोई उन्हें जानता था, लेकिन यह उनकी विनम्रता थी। जब उन्होंने बात की तो उनकी आवाज में सज्जनता, शरारतपन और सौम्यता थी।’
अमिताभ की बेटी श्वेता की शादी रितु नंदा के बेटे एवं शशि कपूर के बड़े भाई राज कपूर के नाती निखिल नंदा से हुई है। अमिताभ ने लिखा, ‘शशि बीमार चल रहे थे। अपनी प्रिय पत्नी जेनिफर के गुजर जाने के बाद वह कहीं न कहीं अकेला महसूस करते थे। इससे पहली बार अस्पताल में उनके भर्ती होने के दौरान मैं कई बार उन्हें देखने गया , लेकिन मैं दोबारा उन्हें देखने नहीं गया। मैं जा भी नहीं सकता था। मैं कभी भी अपने इस खूबसूरत दोस्त और ‘समधी’ को उस अवस्था में नहीं देखना चाहता था, जिस अवस्था में मैंने उन्हें अस्पताल में देखा था और मैंने उन्हें आज भी नहीं देखा। उन्होंने (शशि के संबंधियों ने) मुझे सूचित किया कि वे चल बसे हैं।’
उल्लेखनीय है कि अमिताभ-शशि ने एक साथ ‘रोटी कपड़ा और मकान’,’दीवार’,’कभी कभी ,’इमान धरम’,’त्रिशूल’,’सुहाग’,’काला पत्थर’,’दो और दो पांच’,’शान’, सिलसिला’,’नमक हलाल’ और ‘अकेला’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया है।