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घर के बर्तन बेचने को मजबूर हुआ यह दिग्गज संगीतकार, अब यह एक्टर पहुंचा मदद करने, नाम जान चौंक जाएंगे

locationमुंबईPublished: Sep 17, 2019 02:51:58 pm

Submitted by:

Mahendra Yadav

भाटिया मुंबई के अपने घर में अकेले रहते हैं। वह अकेलेपन के इस कदर शिकार हो चुके हैं कि वह उम्मीद ही खो चुके हैं कि कोई उनकी सुध लेने भी आ सकता है।

vanraj bhatia

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अभिनेता कबीर बेदी ने सभी से राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार वनराज भाटिया के लिए दान देने का अनुरोध किया है, जिन्होंने कहा है कि उनके अकाउंट में ‘एक भी पैसे नहीं बचे हैं।’ कबीर ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने 92 वर्षीय इस राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता के पास जाकर उनसे मुलाकात की।
कबीर ने लिखा, ‘मैं कल वनराज भाटिया से मिला। वह हमेशा की तरह जिंदादिल हैं, लेकिन हां, इस मुश्किल घड़ी में सभी दोस्तों को उनकी मदद करनी चाहिए। अपनी तरफ से उन्होंने गिरीश कर्नाड के नाटक ‘अग्नि मातु मले’ के लिए एक ऑपेरा को कम्पोज किया है और वह 92 साल के हैं।’

 

घर के बर्तन बेचन को मजबूर हुआ यह दिग्गज संगीतकार, अब यह एक्टर पहुंचा मदद करने, नाम जान चौंक जाएंगे
भाटिया मुंबई के अपने घर में अकेले रहते हैं। छोटे-मोटे काम के लिए भी उन्हें मदद की जरुरत होती है। कभी पड़ोसी तो कभी किसी मददगार की बदौलत वह अपना जीवन यापन कर रहे हैं। जीवन के इस पड़ाव पर वह अपनों से दूर हैं। वह अकेलेपन के इस कदर शिकार हो चुके हैं कि वह उम्मीद ही खो चुके हैं कि कोई उनकी सुध लेने भी आ सकता है। अपने घुटनों के दर्द से बेहद पीड़ित इस कालजयी संगीतकार को अब एक कमरे से दूसरे कमरे में जाने के लिए भी मदद की जरुरत होती है। सुनने में भी दिक्कत होती है साथ ही अब उनकी याददाश्त भी कमजोर हो रही है। यहां तक की उनके पास ईलाज के लिए भी पैसे नहीं हैं। वह अपने घर के बर्तन तक बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

 

घर के बर्तन बेचन को मजबूर हुआ यह दिग्गज संगीतकार, अब यह एक्टर पहुंचा मदद करने, नाम जान चौंक जाएंगे

साल 1988 में आई गोविंद निहलानी की फिल्म ‘तमस’ के लिए भाटिया को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और उन्हें 2012 में पद्म श्री भी मिला। उन्होंने कुंदन शाह की फिल्म ‘जाने भी दो यारों’, अपर्णा सेन की फिल्म ’36 चौरंगी लेन’ और प्रकाश झा की फिल्म ‘हिप हिप हुर्रे’ के लिए भी काम किया है। साल 1974 में आई ‘अंकुर’ से लेकर 1996 की ‘सरदारी बेगम’ तक वनराज हमेशा से ही मशहूर फिल्मकार श्याम बेनेगल के पसंदीदा रहे थे। इन दोनों की जोड़ी ने ‘मंथन’, ‘भूमिका’, ‘जुनून’, ‘कलयुग’, ‘मंडी’, ‘त्रिकाल’ और ‘सूरज का सातवां घोड़ा’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया है। 1989 में संगीत नाटक अकादमी के प्राप्तकर्ता भाटिया ने लंदन के रॉयल अकादमी ऑफ म्यूजिक से वेस्टर्न क्लासिकल म्यूजिक की पढ़ाई की है।

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