बॉम्बे हाई कोर्ट अब बुधवार को फिर से सुनवाई करेगा। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट एक फैसला सुनाएगा। बता दें कि कंगना रनौत और शिवसेना के बीच छिड़ी जंग के बाद उनका ऑफिस ध्वस्त किया गया था। ऐसा तब किया गया था जब कंगना मुंबई पहुंची भी नहीं थी। बीएमसी ने अपने कई कर्मचारियों के साथ (Kangana Ranaut office demolished) मिलकर कंगना के ऑफिस को अवैध निर्माण बताकर बुलडोजर चला दिया था। उसी दिन थोड़ी देर बाद जब कंगना अपने ऑफिस पहुंची थी तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद बीएमसी की तरफ से की गई कार्रवाई को रोकने का आदेश दे दिया गया था।
शिवसेना ने अपने सामना में कंगना का ऑफिस ध्वस्त होने के बाद लिखा था- उखाड़ दिया। इसके बाद कंगना रनौत ये भी दावा करती रही हैं कि उन्हें लगातार धमकी मिल रही थीं। उनके पड़ोसियों को उनसे दूर रहने के लिए कहा जा रहा था। उन्होंने बताया था कि मेरे घर को भी तोड़ देने की धमकी दी जा रही है। कंगना अपने टूट हुए ऑफिस की कई तस्वीरें ट्विटर पर साझा कर चुकी हैं। उन्होंने इसे सपनो का बलात्कार नाम दिया था। कंगना ने कहा था कि उनके सपनों और आत्मविश्वास को तोड़ा गया है।