भारतीय मीडिया की ओर इशारा करते हुए कंगना ने कहा, ‘अच्छे लोगों के साथ बुरे लोग भी होते हैं। मीडिया ने जितना मुझे प्रोत्साहित किया है, प्रेरित किया है, इतने अच्छे सलाहकार इतने अच्छे दोस्त जो मुझे मीडिया में मिले हैं, मैं कहूंगी कहीं न कहीं मेरी सफलता में उनका बहुत बड़ा हाथ हैं। मैं उनकी हमेशा आभारी रहूंगी।’
कंगना ने कहा, ‘लेकिन मीडिया का एक सेक्शन है जो दीमक की तरह हमारे देश में लगा है और धीरे-धीरे देश की गरिमा को, अस्मिता को, एकता को आए दिन अटैक करता रहता है..झूठी अफवाहें फैलाता रहता है। गंदे भद्दे देशद्रोहिता के विचार खुले तौर पर सबके सामने रखते हैं। इनके खिलाफ हमारे संविधान में किसी भी तरह की न तो कोई पेनल्टी है और न ही कोई सजा है। इस चीज से मुझे बहुत ज्यादा ठेस लगी और मैंने खुद से निर्धारित कर लिया कि ये जो दोगली मीडिया है बिकाऊ मीडिया है जो खुद को लिबरल कहती है सेकुलर कहती है और कुछ भी नहीं है जो दसवीं फेल है… ये लोग सूडो लिबरल हैं और ये लोग बिल्कुल भी सेकुलर नहीं हैं। अगर ये लोग सेकुलर होते तो हमेशा धार्मिक चीजों को लेकर देश की एकता पर प्रहार नहीं करते।’
कंगना ने आगे कहा, ‘ऐसे ही एक चिंदी से जर्नलिस्ट को मैं एक-दो दिन पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में मिली। उसी की तरह बहुत सारे लोग हैं जो हमारे सीरियस इश्यूज को, विश्व पर्यावरण दिवस के दिन मैंने प्लास्टिक बैन को लेकर कैम्पेन किया था जिसमें मैंने प्लास्टिक के खिलाफ काफी कुछ एक्टिविटीज की थी, इस जर्नलिस्ट को मैंने उसकी खिल्ली उड़ाते हुए देखा। फिर मैंने काऊ स्लाटर के अगेंस्ट, एनीमल क्रूलिटी के अगेंस्ट कैम्पेन किया उसका भी ये मजाक उड़ा रहा था। एक शहीद पे मैंने फिल्म बनाई उसके नाम की खिल्ली उड़ा रहा था। और प्लीज आप…ये गौर तलब, इनके पास किसी भी तरह का कोई तर्क वितर्क समीक्षा या विचार नहीं है जो एक पत्रकार का हक है। उस तरीके से नहीं गाली गलौज से कुछ करके गंदी बातें लिखके, प्रोफेशनल ट्रोल्स जो हैं…मुफ्त का खाना खाने पहुंच जाते हैं ये हर जगह प्रेस कांफ्रेंस में।’
कंगना ने कहा, ‘मैं जानना चाहती हूं कि कोई तो क्राइटेरिया होना चाहिए अगर आप खुद को जर्नलिस्ट कहते हैं। क्या आपने किया? मुझे एक अपना लिखा हुआ कोई न कोई पीस या अपना ब्लॉग, जैसे मैं खुद को एक कलाकार कहती हूं तो कुछ न कुछ तो होना चाहिए टू माई क्रेडिट। जैसे मैं अपने आप को एक कलाकार कहती हूं, आप अपने आप खुद को क्यों पत्रकार कहते हैं, किसलिए आप पत्रकार बने हुए हैं? इन तीन चार लोगों ने मिलकर, क्योंकि मैंने उस इंसान के प्रश्नों का उत्तर देने से मना कर दिया… मैंने कहा मैं एक एंटी नेशनल को क्यों एंटरटेन करूं। मेरे पास किसी भी तरह के देश द्रोही के लिए जीरो परसेंट टॉलरेंस है। तो तीन चार लोगों ने मिलकर मेरे खिलाफ एक कोई गिल्ड बनाई जो अभी शायद कल ही बनी है। उसकी कोई मान्यता ही नहीं है। तो उस गिल्ड के चलते लोगों ने मुझे धमकी देना शुरू किया है कि मुझे बैन कर देंगे या मुझे कवर नहीं करेंगे, या मेरा करियर बर्बाद कर देंगे। अरे नालायकों, देशद्रोहियों, बिकाऊ लोगों तुम लोगों को खरीदने के लिए लाखों भी नहीं चाहिए। तुम लोग तो इतने सस्ते हो कि पचास साठ रुपये में बिछ जाते हो। जो अपनी देश के साथ गद्दारी करते हैं, जिसमें खाते हैं उसी में छेद करते हैं। तुम जैसे नालायक मुझको बर्बाद करोगे। तुम लोगों के बाप दादाओं को भी मैंने लोहे के चने चबावाएं हैं।’
कंगना ने आगे कहा, ‘अगर तुम जैसे लोगों की चलती न मूवी माफिया और तुम जैसे सड़े हुए सूडो जर्नलिस्ट की चलती तो आज मैं इंडिया की टॉप एक्ट्रेस और हाइएस्ट पेड़ एक्ट्रेस नहीं होती। मैं तुम्हारे सामने हाथ जोड़कर कह रही हूं कि प्लीज मुझे बैन करो। मैं नहीं चाहती कि मेरी वजह से तुम लोगों के घर में चूल्हा जले, और इससे ज्यादा बड़ा अहसान आप मुझ पर नहीं कर सकते। आप मुझे बैन कीजिए और जो भी मेरे भाई बहन इस देश के युवक युवतियां हैं जिन्होंने इन लोगों का बहिष्कार किया है जब मणिकर्णिका फिल्म भी आई थी और मूवी माफिया उसके अगेंस्ट पूरी गैंग हो गई थी तब इन बच्चों ने उस फिल्म को ट्रेंड कराया और उसे सफल बनाया। फिल्म ने डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा बिजनेस किया और इस बात का मुझे गर्व है. आप लोगों के लिए जो हो पाएगा, उससे ज्यादा करके दिखाएंगे।’