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ये है बाबू मोशाय का दीवाना, हर साल गिफ्ट में देता है सोने की अंगूठी

locationभोपालPublished: Jul 18, 2017 10:28:00 am

Submitted by:

Manish Gite

mp.patrika.com फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना की पुण्यतिथि पर के मौके पर बताने जा रहा है उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से….। काका आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन इनके किस्से आज भी याद किया जाते हैं…।


भोपाल। फिल्मी सितारों के प्रति लोगों की दीवानगी के किस्से कम नहीं हैं। भोपाल में भी एक ऐसा दीवाना है जो गुजरे ज़माने के फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना को आज भी पूजता है। ये दीवाना सुबह उठने से लेकर रात को सोते समय तक अपने दोस्त राजेश खन्ना को जरूर याद करता है। यह हैं बटनलाल कुशवाह। राजधानी में रंगमहल टॉकीज के सामने बरसों से पान की दुकान चलाने वाले बटनलाल को आज भोपाल का राजेश खन्ना के नाम से जानते हैं।

mp.patrika.com फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना की पुण्यतिथि के मौके पर आपको बता रहा है काका से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से….।

हर साल दो अंगूठी बनवाते और GIFT करते थे
बटनलाल हर साल राजेश खन्ना को एक सोने की अंगूठी उनके जन्म दिन पर गिफ्ट करने के लिए मुंबई जाते थे। वे एक जैसी दो सोने की अंगूठी बनवाते थे। एक अंगूठी वे राजेश खन्ना को देते थे, दूसरी खुद पहनते थे। इन अंगूठी पर B और K जरूर लिखवाते थे। उनका कहना है कि बात सोने की नहीं, राजेश खन्ना के लिए दिल बड़ा होना चाहिए। बटनलाल बताते हैं कि आज मेरा मित्र मेरे साथ नहीं है, लेकिन उनके साथ हुई पल-पल की बातें मुझे याद है।



(राजेश खन्ना के नाम पर ही है पान की दुकान का नाम।)



परिवार को कोई प्रॉब्लम नहीं
बटनलाल बताते हैं कि राजेश खन्ना के प्रति उनकी दीवानगी से उनके परिवार को कभी प्रॉब्लम नहीं हुई। पूरा परिवार और रिश्तेदार भी उनका साथ देते हैं। 


मेरे लिए LUKY है यह नाम
उनका मानना है कि सबसे पहले मैंने अपने नाम पर दुकान खोली थी, किसी ने सलाह दी कि राजेश खन्ना के नाम पर दुकान का नाम रखो, तभी से राजेश पान भंडार रखा। उसके बाद उनकी दुकान पर अप्रत्याशित सफलता मिली। पूरे परिवार के लिए भी यही दुकान सहारा रही। आज भी बटनलाल ने दुकान का रिनोवेशन करवाया है। पिछले साल उन्होंने दुकान का नाम रखा सुपरस्टार राजेश खन्ना मुख श्रंगार एवं ट्रेड।




(यह है बटनलाल की पान की दुकान, इसी दुकान पर राजेश खन्ना अपने फेंस से मिलने आए थे।)


आखिरी सांस तक रहेगी दोस्ती
सुपर स्टार रहे राजेश खन्ना भले ही 18 जुलाई 2012 को दुनिया से चले गए, लेकिन बटनलाल उन्हें आज भी अपने जेहन में जिंदा रखे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक मेरी सांस चलती रहेगी ये दोस्ती जिंदा रहेगी। अपनी दोस्ती के किस्से बताते-बताते बटनलाल भावुक हो जाते हैं। वे हर साल राजेश खन्ना का जन्मदिन केक काटकर और मिठाइयां बांटते हैं।

बटनलाल का घर राजेश खन्ना की तस्वीरों से पटा पड़ा है। इसके अलावा पान की दुकान पर भी जहां जगह खाली है, वहां काका की ही तस्वीर मिलेगी। बटनलाल की इसी चाहत को देखकर राजेश खन्ना उनकी दुकान पर आए थे। उन्होंने उनके हाथ से बना पान भी खाया था।


111 बार तक एक ही फिल्म देखी 
काका के प्रति यह दीवानगी ही है कि बटनलाल हर फिल्म देखने बैंड बाजे के साथ टॉकीज तक जाते थे। हर फिल्म का पहला शो वे इसी अंदाज में नाचते-गाते जाते थे। फिल्म प्रेमनगर को टॉकीज में 111 बार देख चुके हैं। बटनलाल बताते हैं कि वे पहले हाथ ठेले पर पान की दुकान लगाते थे। वे संघर्ष के दिनों में जैसे-तैसे गुजारा करते थे। जवानी के दिनों में वे राजेश खन्ना के जैसी हेयर स्टाइल रखते थे। इसके अलावा अंदाज देखकर सभी लोग उन्हें राजेश खन्ना बोलने लगे थे। इसके बाद 1966 में आई राजेश खन्ना की फिल्म राज देखी तो उन्हीं के मुरीद हो गए। फिर एक के बाद एक फिल्मों में राजेश खन्ना के साथ उनका नाता जुड़ता गया, जो अब तक बरकरार है।

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