निर्भया की मां आशा देवी ने कहा- मैं मां हूं, लेकिन मैं महान नहीं बनना चाहती हूं। ये लोग ह्रयूमन राइट्स के नाम पर सिर्फ बिजनेस करते हैं और अपराधियों को बचाते हैं। आशा देवी का साफ मतलब है कि वो मां हैं और दोषियों को माफ करके महान नहीं बनना चाहती। गौरतलब हो कि आशा देवी ने दिल्ली की एक अदालत में दोषियों को जल्द फांसी दिए जाने की याचिका दायर की थी जिसके बाद ही कोर्ट द्वारा डेथ वारंट जारी किया था।
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) सामाजिक मुद्दों पर बोलने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कहा था- ऐसे लोगों को बीच चौराहें में फांसी देनी चाहिए। एक नाबालिग दोषी जब रेप कर सकता है तो उसे नाबालिग कैसे बताया जा सकता है। इतने सालों से वो मां संघर्ष कर रही है। पिताजी परेशान हैं। पूरी फैमली की क्या हालत हुई होगी किसी ने सोचा है। ये कैसा समाज है। मुझे तो नहीं लगता कि ऐसे लोगों को चुपचाप मार देना चाहिए। ऐसे मारने का क्या फायदा जब आप उदाहरण ही ना बना पाए। बता दें कि इंदिरा जयसिंह ने निर्भया की मां को सुझाव दिया था कि वो दोषियों को माफ कर दें जिसके बाद उन्होंने कहा कि इंदिरा की ऐसा बोलने की हिम्मत कैसे हुई?