इस फिल्म के पहले हंसराज के बारे में बहुत लोग नहीं जानते थे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया, ‘एक दौर वह भी था, जब मेरेे पास पैसे नहीं थे, और मुझे बर्तन धोने पड़ते थे’। हंसराज ने बताया कि, पैसे की तंगी के कारण जिस कॉलेज में पढ़ रहे थे उसी कॉलेज में उन्होंने कैंटीन में काम किया। बर्तन तक मांजे। पैसे की दिक्कतों के कारण उन्होंने आगे की पढ़ाई भी नहीं की। बता दें हंस खुद गाने लिखते हैं और कंपोज भी करते हैं। इससे पहले उनका ‘मेरा भोला है भंडारी’ गान बहुत पॉपुलर हुए था।
बताते चलें 27 साल के हंसराज के पिता भी लोक सिंगर हैं। उनके पिताजी भी हिमाचली गाना गाते हैं। हंसराज का कहना है कि उन्होंने कभी गाना सीखा नहीं है बल्कि वे खुद गाने का प्रयास किए और सफल हो गए। उनका गाया हुआ ‘मेरा भोला है भंडारी’ गाना रिलीज होने के एक सप्ताह में ही Youtube पर 7 मिलियन व्यूज मिले थे। इस गाने के साथ लोग उन्हें पहचानने लग गए थे।