पलाश ने बताया,’मेरी मां के पास एक मंगलसूत्र था, लेकिन पिता की मौत के बाद उन्होंने पहनना बंद कर दिया। मैंने मां का वो मंगलसूत्र पहनना शुरू कर दिया। मैं इसे पहनता हूं। मैं इसे अपनी स्टेज परफॉर्मेंस पर जरूर पहनता हूं। मुझे ऐसा लगता है जैसे उनका आशीर्वाद हर समय मेरे साथ है। मैं मंगलसूत्र के साथ एक खरतूस भी पहनता हूं, जो मैं मिस्र से ले आया हूं। इसमें मेरे माता-पिता के नाम मिस्र के चित्रलिपि में दोनों ओर बने हैं।’
पलाश सेन के वर्कफ्रंट की बात करें तो 1998 में दिल्ली में उन्होंने अपने म्यूजिक बैंड यूफोरिया की स्थापना की थी। इस बैंड के साथ उन्होंने माएरी, धूम पिचक धूम, आना मेरी गली, अब ना जा, सोनेया, महफूज और सोने दे मां जैसे हिट ट्रैक दिए। पलाश ने 2001 में मेघना गुलजार की फिल्म ‘फिल्हाल’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसमें उनके साथ तब्बू और सुष्मिता सेन ने भी एक्टिंग की थी।