script“जज्बा” में थ्रिलर को लोग करेंगे एंज्वॉय : इरफान खान | People will Enjoy the thrill of movie | Patrika News

“जज्बा” में थ्रिलर को लोग करेंगे एंज्वॉय : इरफान खान

Published: Oct 06, 2015 10:24:00 am

इरफान ने हंसते हुए कहा कि निर्देशक संजय गुप्ता ने मुझे देखकर ही डायलॉग्स का चुनाव किया है

Irrfan Khan2

Irrfan Khan2

रोहित तिवारी/ मुंबई ब्यूरो। बी-टाउन में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रह चुके इरफान खान की इन दिनों एक के बाद एक फिल्म ऑडियंस के सामने आ रही हैं। इसके लिए इरफान सिर्फ ऊपर वाले का शुक्रिया ही अदा करते हैं, बल्कि अपने चाहने वालों की हर ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश भी करते हैं। खैर, अब वे फिल्म “जज्बा” में नजर आने वाले हैं और वे ऐश्वर्या राय बच्चन के अपोजिट हैं। इसी सिलसिले में उनसे हुई एक छोटी सी खास मुलाकात में उन्होंने ने बोला, “वाकई में पत्रिका मुझे याद रखता है”। इस दौरान उन्होंने अपनी करियर और निजी लाइफ से रिलेटेड काफी कुछ शेयर किया। तो चलिए अपसे शेयर करते हैं इरफान खान की कहानी-

पहले तो अपनी हालिया रिलीज फिल्म “तलवार” के बारे में कुछ फरमाइए?
(थोड़ा हंसते हुए…) हां वह भी एक अलग तरह की जर्नी रही। इसके अलावा ऑडियंस भी उसे पसंद कर रही है। अपने देश के अलावा “तलवार” को बाहरी देश के लोगों ने भी सिनेमा जगत के नामचीन टोरंटो फेस्टिवल में पसंद किया है। इसके अलावा फिल्म के ऑडियंस का अच्छा प्रतिसाद भी मिल रहा है। वाकई में इंडस्ट्री के लिए यह एक नया अनुभव रहा और मुझे लगता है कि दर्शक भी अब बी-टाउन से लीक से कुछ देखने व एंज्वॉय की फरमाइश रखती है।

खैर, फिल्म “जज्बा” के डायलॉग्स पर आपकी क्या राय है?
(हंसते हुए…) लगता है कि निर्देशक संजय गुप्ता ने मुझे देखकर ही डायलॉग्स का चुनाव किया है। वे दिखाने चाहते हैं कि अब ऑडियंस किरदार में कुछ नया देखना चाहती है। बस, इसी वजह से उन्होंने मेरे डायलॉग्स में गजब का मसाला भरा है। मेरा भी मानना है कि अब जनता-जनार्दन भी कुछ अलग हटकर देखना चाहता है। इस लिहाज से फिल्म में दर्शकों को गजब का मनोरंजन मिलेगा और इसमें दर्शाए गए थ्रिलर को लोग काफी एंज्वॉय भी करेंगे।



क्या आप अपनी सफलता का राज शेयर करेंगे?
(कुछ समझाने के अंदाज में…) देखिए, आप हमेशा ही नेचर पर डिपेंड होते हैं। यानी आपकी मर्जी से कुछ नहीं होता, क्योंकि कुदरत ने आपके लिए सब कुछ रच रखा होता है। इस लिहाज से मेरा मानना है कि आप अपना काम करते जाएं और आगे बढ़ते जाएं। एक उदाहरण के तौर पर मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे हॉलीवुड के कई स्टार्स के साथ काम करने का मौका मिलेगा। इस तरह से सफलता श्रेय आप सिर्फ खुद पर न लें। इसके पीछे कईयों की दुआएं और ऊपर वाले का रहम-ओ-करम होता है। बता दूं कि शुरुआती दौर में मेरा इंसिपिरेशन खत्म हो रहा था, जिसे जाग्रत रखने की बहुत जरूरत होती है। लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी और आज मैं आपके सामने हूं। इस तरह से सफलता का कोई फार्मूला नहीं है, बस आप खुद को कैसे साबित कर सकते हैं… अपने चाहने वालों को यही दिखाने की जरूरत होती है। (किसी दूसरे लहजे में…) वैसे भी हर किसी का लहजा अलग ही होता है।

आज आप इंडस्ट्री के कई फेमस डायरेक्टर्स की जरूरत बन चुके हैं?
नहीं, ऐसा तो कुछ भी नहीं है। लेकिन किरदार की जरूरत पर मुझे चुना जाता है। इस तरह से अब मेरे पास अपने स्टाइल की फिल्में चुनने का मौका भी मिल रहा है। इसके अलावा निर्देशक की हर बात पर शत-प्रतिशत देने का मेरा प्रयास रहता है। साथ ही मैं ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करता हूं कि मुझे अपने चाहने वालों का भरपूर प्यार मिल रहा है।

करियर के इस मोड़ पर आज आप फिल्मों को किस तरह सेलेक्ट करते हैं?
(कुछ अलग अंदाज में…) कई सारी चीजें देखनी पड़ती हैं। आज आपको डायरेक्टर से लेकर प्रोड्यूसर तक सभी का मिजाज देखना पड़ता है। कभी-कभी तो यह भी फील होता है कि करियर के लिहाज से कोई अन्य फिल्म सही नहीं है, फिर लगता है कि यह इम्पॉर्टेंट फिल्म है, इसे जरूर करना चाहिए। इसके अलावा कुछ फिल्मों में लगता है कि उसका रिस्पॉन्स अलग रहेगा तो वे भी करते हैं। हमारा कुछ इसी तरह से फिल्मों को चुनने का तरीका रहता है और इससे ऑडियंस खुद को रिलेट करके भी देख पाती है।

अपनी लाइफ के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
मैं अपनी ही नहीं, हर एक्टर की लाइफ के बारे में बताना चाहूंगा कि उसके लिए हर एक बात एक सब्जेक्ट होती है और दुनिया कि किसी भी चीज को अभिनेता एक सब्जेक्ट की तरह ही देखता है। यानी ब्रम्हांड में क्या हो रहा है, वह भी उसके लिए एक सब्जेक्ट है और किसी कण के अंदर क्या है, वह भी… इसलिए एक्टर की लाइफ में संतोष नहीं है। इस तरह से मैं हर समय कुछ नया करने के बारे में सोचता रहता हूं, इसके लिए मैं खुद को खुश नसीब मानता हूं कि लोगों का प्यार मिल रहा है।



खैर, इंडस्ट्री में आप खुद का करियर ग्राफ कैसे देखते हैं?
करियर के उतार-चढ़ाव ने इतने झटके दिए हैं कि अब मुझे खुद ही समझ आ गई है। अगर वे झटके न होते तो शायद मैं अपनी सफलता की गलतफहमी में बह चुका होता, लेकिन मैंने खुद को बैलेंस रखा है। इसके अलावा मुझे लगता है कि इंडस्ट्री में अगर आपको रहना है तो रोजाना कुछ न कुछ नया सीखना ही है। इस तरह से आज मैं अपने चाहने वालों के सामने हूं।

आज फिल्में “ऑस्कर” में सेलेक्ट हो रही हैं, इस पर क्या राय है?
देखिए वह एक हिंदुस्तान को अपना परसेप्शन बदलने के लिए बहुत बड़ी अपॉर्चुनेटी है। इसके लिए बहुत ही सिंसियर लोगों की जरूरत होती है कि सामने वाला आखिर वह फिल्म चुन क्यों रहा है? खैर, अभी हाल ही में “ऑस्कर” के लिए फिल्म “कोर्ट” चुनी गई है, वाकई में वह उस लायक है। उसमेें एक नई कहानी है और नई शैली भी…। इस तरह से हमारी इंडस्ट्री के लिए यह अच्छा है कि अगर अपने हिंदुस्तान की किसी सही फिल्म को लोग इतना तवज्जो दे रहे हैं और वह देश के नामचीन एवॉर्ड के लिए सम्मानित हो रही है। यह बात अलग की है कि लोगों ने उस पर भी विवाद पैदा कर दिया है, लेकिन मेरा मानना है कि जब तक सच्चाई न पता हो, तब तक कोई विवाद नहीं होता। सच्चाई के लिए हमेशा ही दूध का दूध और पानी का पानी हो ही जाता है।

फिल्म में ऐश्वर्या राय के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
(थोड़ा शांत स्वभाव में…) उनका बहुत ही लंबा करियर रहा है। उन्होंने अपने हर लेवल पर खुद को साबित करके दिखाया है। उन्होंने इंडस्ट्री में कई नामचीन निर्देशकों के साथ काम किया है। उनकी पर्सनैलिटी भी काफी अच्छी है और वे बहुत ही केयरिंग लेडी हैं। इस लिहाज से उनके साथ काम करने का अनुभव काफी अच्छा रहा।


loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो