साथ ही उन्होंने कहा,’सोशल मीडिया नियमों के अनुसार नहीं चलता है। कभी-कभी, सार्वजनिक हस्तियों को उनके गलत विचारों का खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। हमें उम्मीद है कि सिनेमा में महिलाओं के रूढ़िवादी चित्रण से नेटिज़न्स ऊपर उठेंगे और इस तथ्य की सराहना करेंगे कि जैसे दुनिया में सभी तरह के लोग हैं, वैसे ही सभी तरह के चरित्र भी लिखे जा रहे हैं। और अभिनेताओं को अपना काम करने दिया जाना चाहिए।’