रजनीकांत को उनके फैंस थलाइवा (Thalaiva), साउथ के भगवान जैसे तरह-तरह के नामों से बुलाते हैं। उनका अपना एक अलग स्टाइल है जिसके फैंस दीवाने हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा था जब रजनी के पास पैसे नहीं हुआ करते थे। रजनीकांत की मां रमाबाई का निधन तब हुआ जब वो मात्र 4 साल के थे। बैंगलोर के एक गरीब परिवार में जन्मे रजनी अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। पिता पुलिस में कॉस्टेबल थे। घर की खस्ता हालत देखकर रजनीकांत ने बेहद कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था। रजनी ने इस दौरान बस कंडक्टर की नौकरी करने से लेकर कुली तक का काम किया।
रजनीकांत का फिल्मों की तरफ रूझान हमेशा से था। बस कंडक्टर की नौकरी के दौरान ही उन्होंने कन्नड़ रंगमंच में काम करना शुरु कर दिया था। इसके बाद 1973 में वो मद्रास फ़िल्म इंस्टीट्यूट से जु़ड़ गए। 25 साल की उम्र में रजनीकांत ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की। उनकी पहली तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ थी जिसमें उनके साथ कमल हासन और श्रीविद्या भी थीं। रजनीकांत को लीड रोल के तौर पर 1978 तमिल फ़िल्म ‘भैरवी’ मिली जिसने उन्हें बहुत शोहरत दिलाई। फिल्म सुपरहिट रही और रजनीकांत एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में देते रहे। रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है लेकिन फिल्मों में आने के बाद उन्होंने इसे बदल दिया।
रजनीकांत ने एक के बाद एक कई फिल्में की और उनका अलग स्टाइल उनकी पहचान बन गया। रजनीकांत के बोलने का अंदाज और दमदार एक्टिंग ने उन्हें साउथ इंडस्ट्री का सुपरस्टार बना दिया। साउथ इंडस्ट्री के भगवान बनने के बाद रजनीकांत ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा और फिल्म अंधा कानून से डेब्यू किया। यहां भी उनकी कमाल की एक्टिंग और सिग्नेचर स्टाइल के लोग दीवाने हो गए। उनका सिगरेट को फ्लिप करने वाला स्टाइल लोग आज भी कॉपी करते हैं लेकिन रजनीकांत तो सिर्फ एक ही हैं। रजनीकांत ने अपने करियर में 2.0, इंसाफ कौन करेगा, खून का कर्ज, क्रांतिकारी, मेरी अदालत, जान जॉनी जनार्दन, भगवान दादा, अंधा कानून, चालबाज और इंसानियत का देवता जैसी फिल्मों में काम किया है। रजनीकांत की फीस की बात करें तो वो एशिया में सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर्स में शुमार हैं। एक फिल्म का वो 80 करोड़ के आसपास चार्ज करते हैं।