भूमि पेडनेकर चाहती हैं, स्कूलों में हो खेती की पढ़ाई, मां के साथ बनाया किचन गार्डन
यह फिल्म बिहार के दरभंगा के रहने वाली एक मिडिल क्लास परिवार के दो बहनों की कहानी है, जो शहर में आकर किस तरह से अपनी जिंदगी जीती हैं। इस फिल्म में ये दिखाने की कोशिश की गई है कि जो कार्य किसी पुरुष के लिए सही हो सकता है, वही काम महिलाओं के लिए क्यों नहीं?
निर्माता: एकता कपूर, शोभा कपूर
निर्देशक: अलंकृता श्रीवास्तव
स्टार कास्ट: भूमि पेडनेकर, कोंकणा सेन, विक्रांत मैसी, अमोल पराशर, आमिर बशीर, करण कुंद्रा और कुब्रा सैत।
फिल्म की कहानी: भूमि पेडनेकर काजल की भूमिका में हैं और वह एक मीडिल क्लास परिवार से संबंध रखती हैं। वह नौकरी की तलाश में नोएडा आती है। यहां पर वह अपनी चचेरी बहन डॉली (कोंकणा) से मिलती है। वह डॉली के घर पर ठहरती हैं। फिर वहां पर उसे एक नौकरी भी मिल जाती है। इस जॉब में उन्हें अपने क्लाइंट से रोमांटिक और सेक्सुएल बातें करनी हैं।
एक दिन उसकी बहन पूछती है कि क्या वो इस नौकरी से खुश है? इसपर काजल कहती हैं, ‘जॉब है, करते हैं। मजबूर थे रोमांस बेचने के लिए? नहीं, च्वॉइस किये हैं। कोई और च्वॉइस होता तो नहीं करते।
वहीं दूसरी ओर डॉली (कोंकणा सेन शर्मा) अपनी शादीशुदा जिंदगी में व्यस्त है। कामकाजी पति और दो बच्चों को संभालने के अलावा, वह खुद भी नौकरी करती है, लेकिन समाज के हिसाब से वह ‘सिर्फ शौक’ के लिए है। इसी के साथ पति आमिर बशिर के साथ सेक्सुअल टेंशन से भी गुजर रही है। उसे लगता है उसी में कोई कमी है लेकिन सिर्फ जब तक कि वो डिलीवरी ब्वॉय उस्मान से नहीं मिली थी और उसका प्रेस प्रसंग शुरू नहीं हुआ। उस्मान से मिलने के बाद उसे लगा कि कमी उसमें नहीं है।
इधर नौकरी करते हुए काजल अब किट्टी बन गई है। वह अब एक ग्राहक प्रदीप को पसंद भी करने लगी है। बाद में उसे पता चलता है कि प्रदीप उसे धोखा धोखा दे रहा है। डॉली का पति ही डेटिंग ऐप के जरिए उससे बात करता है। जब उन्हें ये बात पता चलती है तो वह यह बात डॉली को बताती है और इस तरह उसकी पोल खुल जाती है। हालांकि, किट्टी को अपने काम से कोई शर्मिंदगी नहीं है। किट्टी के खुलासे की वजह से डॉली का परिवार टूटने की नौबत आ जाती है।
ऐसा लगता है, डॉली अपनी मां से नफ़रत करने के बाद उन्हीं की कहानी को दोहरा रही है। फिल्म को देखने में बोरियत नहीं होती है, क्योंकि यह फिल्म एक लड़की के ख्वाहिशों की कहानी कहती है। ठीक इसके उलट एक खुशमय शादीशुदा जिंदगी की एक अलग सच्चाई भी बताई गई है।