रितेश देशमुख और उनकी पत्नी जेनेलिया देशमुख को लातूर में उनकी कृषि-प्रसंस्करण कंपनी के लिए 116 करोड़ रुपये का कर्ज देने में सहकारी बैंकों की ओर से गड़बड़ी करने के आरोप के बाद इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
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कुछ दिनों पहले लातूर जिले में भाजपा के कुछ नेताओं ने रितेश देशमुख और जेनेलिया डिसूजा की नेतृत्व वाली कंपनी ‘देश एग्रो प्राइवेट लिमिटेड’ को सहकारी बैंक द्वारा ऋण देने में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया था।इस बारे में सहकारिता मंत्री सावे ने कहा, ”भाजपा के लातूर जिला अध्यक्ष (गुरुनाथ) मागे ने इस बारे में एक पत्र लिखा था । मुझे एमआईडीसी के बारे में कुछ भी पता नहीं है, लेकिन मैंने यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया है कि कहीं बैंकों की ओर से तो कोई अनियमितता तो नहीं की गई।”
दावा किया गया था कि रितेश और जिनिलिया की कंपनी ने 4 अक्टूबर, 2021 को पंढरपुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में लोन के लिए अप्लाई किया था। बैंक ने 27 अक्टूबर को 4 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दे दी। इसके बाद कंपनी ने लातूर डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक से 61 करोड़ रुपये के लोन के लिए अप्लाई किया। यह एप्लिकेशन भी 27 अक्टूबर को मंजूर कर ली गई थी। इसके बाद इस बैंक से रितेश और जिनिलिया की कंपनी को 25 जुलाई 2022 को 55 करोड़ का लोन अप्रूव किया गया।