उस्मानाबाद जिले के कलेक्टर प्रशांत नरनावाड़े ने कैश जब्त होने की पुष्टि की है। कलेक्टर के मुताबिक नगरपालिका चुनाव होने की वजह से फ्लाइंग स्क्वॉड गाड़ियों की नियमित जांच कर रहा था। कार में बैठे लोकमंगल ग्रुप के कर्मचारी ने बताया कि पैसा लोकमंगल बैंक का है।
‘चीनी मिल के कर्मचारियों को करना था भुगतान’ सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख का कहना है कि लोकमंगल ग्रुप से संबद्ध एक चीनी मिल के कर्मचारियों को भुगतान के लिए यह पैसा ले जाया जा रहा था। जिला प्रशासन के मुताबिक उस्मानाबाद के उमरगा तहसील में मंत्री के संस्थान से जुड़ी कार को जब्त किया गया। बरामद कैश को स्थानीय कोषागार में जमा कराया गया है।
सेबी के रडार पर लोकमंगल ग्रुप उस्मानाबाद के कलेक्टर का कहना है, “हमने लोकमंगल ग्रुप से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। इसके साथ ही हमने स्थानीय पुलिस और आयकर विभाग को घटना की जानकारी दे दी है। अगर ग्रुप पैसे की वैधता प्रमाणित कर देता है, तो उन्हें यह लौटा दिया जाएगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।” इस बीच महाराष्ट्र की प्रमुख विपक्षी पार्टी एनसीपी ने मामला सामने आने के बाद मंत्री सुभाष देशमुख का इस्तीफा मांगा है।
सीएम से बर्खास्तगी की मांग इससे पहले भी लोकमंगल ग्रुप पैसों के लेन-देन में अनियमितता को लेकर सेबी के कठघरे में रहा है। एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक का कहना है, “हमारा मानना है कि सबसे ज्यादा काला धन बीजेपी नेताओं ने इकट्ठा कर रखा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को फौरन देशमुख को बर्खास्त करना चाहिए। इसके साथ ही बड़े भाजपा नेताओं के दफ्तर और घरों में आयकर विभाग तलाशी ले।”
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी कहा है कि पिछले छह महीने के दौरान बीजेपी नेताओं के लेन-देन की आयकर विभाग को जांच करनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सबको अच्छे से पता है कि पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट बंद करने का मोदी सरकार का फैसला वरिष्ठ भाजपा नेताओं और बड़े कारोबारियों को पहले ही लीक हो चुका था।