नीरजा भनोत के रोल के लिए सोनम कपूर का नाम फाइनल होते ही राम माधवानी और फिल्म के प्रोड्यूसर अतुल कस्बेकर ने सोनम को असली नीरजा की फैमिली से मिलने को कहा। फिल्म की टीम ने नीरजा की मां रमा भनोत और बाकी फैमिली को फिल्म और सोनम के बारे में बताया। जैसे ही रमा भनोत सोनम से मिलीं… उन्होंने सोनम को देखते ही कहा, यही तो मेरी लाडो है। ये सुनते ही सोनम के रोंगटे खड़े हो गए। रमा भनोत ने कहा कि सोनम में ऐसा कुछ है, जो उन्हें उनकी बेटी नीरजा की याद दिलाता है। लेकिन मेरी लाडो ज्यादा सुंदर थी।
फिल्म की शूटिंग के दौरान रमा भनोत सेट पर भी गईं और कास्ट क्रू को आशीर्वाद भी दिया। सोनम ने बताया कि नीरजा की फैमिली को ये फर्क नही पड़ता था कि उनकी बेटी हीरो थी या नहीं… वो बस उसे जिंदा देखना चाहते थे। सोनम को इस फिल्म के लिए लगा कि उनके ऊपर एक रेस्पॉन्सिबिलिटी है, क्योंकि ये रियल लाइफ पर बेस्ड है। सोनम को लगा कि वो किसी और से ज्यादा रमा भनोत को निराश नहीं कर सकतीं और उन्हें ये किरदार ईमानदारी के साथ निभाना होगा।
फिल्म के प्रमोशन के दौरान सोनम नीरजा भनोत के कॉलेज भी गई थीं। इस फिल्म को सिर्फ 32 दिन में शूट किया गया था और शूटिंग के दौरान आमिर खान , बोमन ईरानी , विद्या बालन और राजू हिरानी सेट पर आए और कास्ट से बात की। इस फिल्म की खास बात ये है कि जो प्लेन इस फिल्म में दिखाया गया है वो रियल नहीं, बल्कि सेट है, जिसे बनाने में पूरे 48 दिन लगे थे यानी शूटिंग से ज्यादा समय सेट तैयार करने में लगा था।
सिर्फ रमा भनोत की ब्लेसिंग ही थी, जिनकी वजह से ये फिल्म इतनी बड़ी हिट हुई और लोगों के दिलों को छू गई। इस फिल्म के साथ ही नीरजा लोगों के दिलों में भी हमेशा के लिए अमर हो गईं।