वैसे शक्ति कपूर किसी बड़े घराने से नहीं बल्कि एक छोटे से परिवार से संबंध रखते थे। उनके पिता की दिल्ली में दर्जी की दुकान हुआ करती थी। उनकी मां गृहिणी थीं। ऐसे में उनके घर के आर्थिक हालत काफी कमजोर थे। एक इंटरव्यू में शक्ति कपूर ने बताया था कि उन्हें पढ़ाई लिखाई में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी। पढ़ाई में उनके बहुत कम नंबर आते थे। उनका बिल्कुल भी मन पढ़ाई में नहीं लगता था। जिसकी वजह से उन्हें तीन स्कूल से निकला गया।
पिता चाहते थे दर्जी की दुकान चलाएं शक्ति कपूर
शक्ति कपूर के बताया था कि उनके पिता हमेशा चाहते थे कि वो पैसों की बचत करें और वो उनके फैमिली बिजनेस को ही आगे बढ़ाएं। शक्ति कपूर ने फिल्मों में आने से पहले एक ट्रेवल का बिजनेस किया था। शक्ति ने बताया कि वो अपने पिता से बिना पूछे कार लेकर लॉन्ग ड्राइव से जाया करता था। जिसकी वजह से उनका काफी झगड़ा भी हुआ करता था।
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धर्मेंद्र-हेमा मालिनी संग काम करने का मिला मौका
शक्ति कपूर ने एक्टिंग सीखने के लिए पुणे में फिल्म टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ज्वॉइन किया। जिनमें से वो और नसीरुद्दीन शाह के साथ 11 लड़के और 10 लड़कियों को सिनेमा में काम करने का खास मौका मिला। शुरुआती दिनों में शक्ति कपूर फिल्मों में छोटे-मोटे रोल ही किया करते थे। फिर साल 1977 में एक्टर धर्मेंद्र और एक्ट्रेस हेमा मालिनी संग फिल्म ‘खेल खिलाड़ी’ में काम करने का मौका मिला। शक्ति को बाद में ‘कुर्बानी’ और ‘रॉकी’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में देखा गया। इंडस्ट्री में उन्हें विलेन के किरदार में नई पहचान दिलाई।
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भागकर की शक्ति कपूर ने रचाई शादी
शक्ति कपूर की प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ उनकी पर्सनल लाइफ भी सुर्खियां में रहीं। उन्होंने एक्ट्रेस शिवांगी कोल्हापुरे से भागकर शादी की थी।। दोनों की मुलाकात फिल्म के सेट पर हुई थी। धीरे-धीरे दोनों में प्यार हो लेकिन शिवांगी के घरवाले इस रिश्ते से बिल्कुल भी खुश नहीं थे। जब शक्ति कपूर से रिश्ते के बारे में पता चला तो उन्होंने उन्हें कमरे में बंद कर दिया था। आखिरकार शिवांगी घर से बचते हुए निकली और दोनों ने भागकर शादी की।