शेखर कपूर ने बताया कि फिल्म पानी उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था जो नहीं बन सका। उन्होंने कहा कि पानी पर मैंने 10 साल (Shekhar Kapoor worked 10 years on Paani) तक काम किया था। ये फिल्म 150 करोड़ के बजन में बनने वाली थी जिसको लेकर आदित्य चोपड़ा से मेरी मुलाकात साल 2012 के आसपास हुई थी। उसके बाद साल 2014 में इसकी शुरुआत की गई। सुशांत का नाम फाइनल हुआ और इसके प्री-प्रोडक्शन में 7 करोड़ (Paani pre-production) रुपए भी खर्च हो गए। इस फिल्म में सुशांत गोरा नाम का किरदार (Sushant role in Paani) निभाते थे जिसके लिए सुशांत ने खूब मेहनत करनी भी शुरू कर दी थी। वो वर्कशॉप (Sushant workshops for Paani) लेते थे, पूरी तरह से इसमें लगे हुए थे। फिल्म को लेकर जो भी मीटिंग होती उसमें शामिल होते थे। फिर आदित्य चोपड़ा (Aditya Chopra) ने कहा कि वो फिल्म में कुछ बदलाव चाहते हैं जबकि मैं ऐसा नहीं चाहता था। यहीं से क्रिएटिव डिफरेंस (Paani creative difference) आ गया और ये फिल्म लटक गई। इस प्रोजेक्ट के रुक जाने से सुशांत को गहरा झटका लगा था। वो बहुत परेशान रहने लगे थे, फोन पर बात करते हुए घंटो रोया (Sushant cried for hours for Paani) करते थे। जब मैं उससे मिला तो मेरे कंधे पर सिर रखकर रोने लगा। मैंने कोशिश की कहीं और बात बन जाए तो इस फिल्म को बनाया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिर मैं लंदन चला गया।
शेखर कपूर ने आगे बताया कि लंदन से आने के बाद मुझे पता चला कि सुशांत ने यशराज से सभी कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर लिए हैं। उस वक्त सुशांत ने मुझे बताया था कि उसके साथ इंडस्ट्री में अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा है। उसने कहा था कि लोग सौतेला व्यवहार (Film Industry bad behavior with Sushant) कर रहे हैं। उसे अच्छी फिल्में नहीं मिलने दे रहे (Sushant was not getting good films) हैं। मैंने उसे समझाया था कि वो इन सब बातों पर ध्यान ना देकर अपने काम पर लगा रहे।
बता दें कि संजय लीला भंसाली ने अपने बयान (Sanjay Leela Bhansali statement) में बताया था कि यशराज के साथ कॉन्ट्रैक्ट के चलते ही सुशांत ने रामलीला और बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्मों को मना कर दिया था।