शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि इस तरह से सीबीआई जांच की मांग करना बहुत ही बेवकूफी भरा काम है। यहां तक कि सामना में ये भी कहा गया कि संभावना हो सकती है कि पार्थ का गलत इस्तेमाल किया जा रहा हो। पार्थ पवार ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को लिखा था कि सुशांत सिंह राजपूत केस में सीबीआई जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ फिल्ममेकर्स की भी तहकीकात होनी चाहिए। जिसके बाद शिवसेना की तरफ से मुखपत्र सामना में लिखा गया कि सुशांत केस में सीबीआई जांच की मांग करना मुखर्तापूर्ण (Shivsena said it would a Foolishness to demand a CBI inquiry in Sushant case) होगा। कुछ अनुभवी लोग भी इस केस में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। इससे साफ पता चलता है कि महाराष्ट्र के आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए ये एक तरह का षड्यंत्र (Shivsena called CBI demand a conspiracy against maharahstra) है जिसे सीबीआई जांच की मांग रख के किया जा रहा है।
सामना में आगे लिखा गया कि मुंबई पुलिस अभी केस की जांच कर रही है। सुशांत केस में सीबीआई जांच ठीक भी है लेकिन मुझे बताइए कि मुंबई पुलिस कहां गलत है? पार्थ पवार अभी राजनीति में नए हैं और पिछले लोक सभा में जीतने में भी सफल नहीं हुए। उन्हें अभी मेहनत करनी होगी।