Shunya- The Equality: समाज के दोहरे मापदंड को दर्शाती शून्य
Published: Feb 18, 2016 06:01:00 pm
‘शून्य: द इक्वेलिटी’ एक ऐसी शॉर्ट फिल्म है जो हमारे समाज के जातिगत भेदभाव और छूआछूत को लेकर मानसिकता को दर्शाती है।
‘शून्य: द इक्वेलिटी’ एक ऐसी शॉर्ट फिल्म है जो हमारे समाज के जातिगत भेदभाव और छूआछूत को लेकर मानसिकता को दर्शाती है। मोहित शर्मा ने शून्य की कहानी एक ऐसे ही शिक्षक के ईद-गिर्द बुनी है। एक व्यक्ति जो पेशे से शिक्षक है, क्लास में समानता का पाठ पढ़ाता है लेकिन निजी जिंदगी में ठीक से उलट व्यक्तिव वाला है और लोगों से जातिगत भेदभाव और छूआछूत करता है।
एक दिन उसकी पत्नी पड़ौसी के घर से दही ले आती है। जाति समाज, ऊंच-नीच और छूआछूत की मानसिकता के चलते वो उस पर चीखने- चिल्लाने लगता है और घर से चला जाता है। तभी कहानी आगे बढ़ती है और वो अलग-अलग परिस्थितियों का सामना करता है। उन परिस्थितियों के चलते उसे जीवन के सच का ज्ञान होता है, जो उसकी सोच को बदल देता है।
अब सवाल यह उठता है कि फिल्म का नाम शून्य: द इक्वेलिटी क्यों रखा गया ? इस पर सह-निर्माता निर्देशक मोहित शर्मा जो कि इस कहानी के लेखक भी है ने बताया कि फिल्म का नाम शून्य इसलिए रखा कि जब व्यक्ति इस दुनिया में आता है तब उसके पास कुछ नहीं होता।
वह खाली आता है और जब जाता है, तब भी खाली ही जाता है। यानी दोनों ही कंडीशन में शून्य ही रहता है। उन्होंने आगे कहा कि पता नहीं लोग इस सारगर्भित सच को समझने की कोशिश क्यों नही करते ? क्यों नहीं लोग एक दूसरे के धर्म और जाति का सम्मान करते ? यही वो सवाल है जिनके जवाब देगी हमारी फिल्म शून्य: द इक्वेलिटी।
ये है शून्य: द इक्वेलिटी के सदस्य:-
प्रोड्यूसर- राघव रावत, मोहित शर्मा, लोकेश शर्मा
स्क्रीन प्ले और डायरेक्टर- राघव रावत
असोशिएट डायरेक्टर- मोहित शर्मा
लीड कास्ट- संदीप कुमार, राजश्री गौड़
स्टोरी एंड डायलॉग- मोहित शर्मा और छवि जैन