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‘सिंघम’ डायरेक्टर ने जताया अफसोस, कहा- क्यों बनाई पुलिस की तारीफ में ये फिल्में

locationमुंबईPublished: Jun 29, 2020 04:01:13 pm

Submitted by:

Shaitan Prajapat

मशहूर डायरेक्टर हरी ने सोशल मीडिया पर ओपन लेटर शेयर किया है। जिसमें लिखा, ‘जो सथनकुलम में हुआ है, वैसा तमिलनाडु में फिर कभी भी ना हो। इसका सिर्फ एक ही उपाय है कि जो लोग भी इसमें शामिल हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले। कुछ पुलिस ऑफिसरों की वजह से पूरा डिपार्टमेंट बदनाम होता है।’

director Hari

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देशभर में इन दिनों तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस हिरासत (police custody) में एक कारोबारी पिता और उसके बेटे की मौत की घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है। आम लोगों लेकर बॉलीवुड और साउथ फिल्म इंडस्ट्री ( Bollywood and South Film Industry) में इसको लेकर काफी नाराजगी है। साउथ इंडस्ट्री में पुलिस की तारीफ करने वाली फिल्में बनाने के लिए मशहूर डायरेक्टर हरी (director Hari) ने इस मामले पर दुख जताया है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात का अफसोस है कि उन्होंने ऐसी फिल्में क्यों बनाई। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तमिल भाषा में नोट लिखा है जो खूब वायरल हो रहा है। यूजर्स भी डायरेक्टर हरी का समर्थन कर रहे है। सभी एक ही आवाज में बोल रहे है यह क्रूरता किसी भी हालत में सहन नहीं कर सकते। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर उनका न्याय दिलवाने की बात कही जा रही है।

director Hari

मशहूर डायरेक्टर हरी ने सोशल मीडिया पर ओपन लेटर शेयर किया है। जिसमें लिखा, ‘जो सथनकुलम में हुआ है, वैसा तमिलनाडु में फिर कभी भी ना हो। इसका सिर्फ एक ही उपाय है कि जो लोग भी इसमें शामिल हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले। कुछ पुलिस ऑफिसरों की वजह से पूरा डिपार्टमेंट बदनाम होता है। मुझे आज दुख हो रहा है कि मैंने ऐसी 5 फिल्में बनाई हैं, जिसमें पुलिस वालों का गुणगान किया है।’

https://twitter.com/hashtag/Sathankulam?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
director Hari

आपको बता दें कि 2003 में पुलिस पर बनी अपनी फिल्म ‘सैमी’ से मशहूर हुए डायरेक्टर हरि ने ऐसी कुछ 5 फिल्में ‘सैमी’, ‘सैमी स्क्वायर’, ‘सिंघम’, ‘सिंघम II’ और ‘सिंघम III’ बनाई हैं, जिनमें पुलिस की खूब प्रशंसा की गई है। अब उहोंने अपनी इन फिल्मों को लेकर काफी अफसोस हो रहा है।

तमिलनाडु के थूथुकुडी में बाप-बेटे पी. जयराज और फेनिक्स को 19 जून को तूतीकोरिन में उनके मोबाइल फोन की दुकान से गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों पर आरोप था कि दुकान को लॉकडाउन के दौरान अनुमति के घंटों से अतिरिक्त समय तक खुल रखा था। इसके चार दिन बाद अस्पताल में दोनों की मौत हो गई थी। घरवालों ने आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा जिसके चलते पिता-पुत्र की मौत हो गई।

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