उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर अपनी पोस्ट में लिखा अगर कोई भी परीक्षार्थी कहीं फंस जाए, तो अपनी यात्रा का मार्ग बताए। ऐसे फंसे हुए परीक्षार्थियों को वह उनके परीक्षा केंद्र तक पहुंचाएंगे। एक्टर ने कहा कि वे नहीं चाहते कि कोई भी संसाधनों की वजह से परीक्षा से वंचित रह जाए। इससे पहले सोनू ने सरकार से अपील की थी कि वह कोरोना काल को देखते हुए जेईई, नीट परीक्षा को रद्द करे। महामारी के दौरान हमें बेहद सावधान रहना चाहिए और विद्यार्थियों के जीवन को खतरे में डालने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए।
सोनू सूद ने ना केवल लॉकडाउन के दौरान फंसे प्रवासियों को उनके गृह नगर पहुंचाया बल्कि जब अनलॉक शुरू हुआ तो उनको रोजगार दिलाने के लिए भी प्रयास किए। इसी प्रयास के अंतर्गत सोनू ने प्रवासी रोजगार एप शुरू किया। इस ऐप के माध्यम से कई कंपनियों से टाइअप कर 3 लाख नौकरियां देने का इंतजाम किया गया है। अब तक 1 लाख लोगों को इसके माध्यम से रोजगार के लिए सहयोग किया गया है।
हाल ही में सोनू ने करीब 20000 मजदूरों को रहने की व्यवस्था भी करवाई। ये मजदूर गारमेंट व्यवसाय में काम कर रहे हैं। सोनू सूद ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी शेयर करते हुए बताया कि 20,000 श्रमिकों के रहने की व्यवस्था के साथ ही ‘प्रवासी रोजगार’ के चलते कई श्रमिकों को नोएडा के कपड़ा कारखानों में रोजगार भी दिलाया गया है, वहीं जो कामगार बाकी बचे हैं उनके लिए भी रोजगार का इंतजाम किया जा रहा है।
इसके बाद सोनू ने हरियाणा के एक दूरदराज के गांव के बच्चों को पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन मुहैया करवाए हैं। खबरों के अनुसार सोनू को सोशल मीडिया से जानकारी मिली थी कि यहां के बच्चों को मोबाइल फोन ना होने की वजह से आॅनलाइन स्टडी में परेशानियां पेश आ रही हैं।