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समय मिलता तो और बेहतर हो सकती थी ‘बाजीराव मस्तानी’ : सुदीप चटर्जी

Published: Feb 04, 2016 04:32:00 pm

सिनेमेटोग्राफर सुदीप चटर्जी का कहना है कि अगर उन्हें फिल्म ‘बाजीराव
मस्तानी’ के लिए और समय मिलता तो वे उसे और बेहतर और भव्य बना सकते थे।

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मुंबई। सिनेमेटोग्राफर सुदीप चटर्जी का कहना है कि अगर उन्हें फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ के लिए और समय मिलता तो वे उसे और बेहतर और भव्य बना सकते थे। चटर्जी ने इस खबरों का खंडन किया कि फिल्म को बनाने में दो साल लगे।

उन्होंने कहा, ‘हमने अक्टूबर 2014 से अक्टूबर 2015 के बीच 217 दिन शूटिंग की। इस स्तर की फिल्म के लिए इतना समय जरूरी है। हमें कम समय में फिल्म को पूरा करना पड़ा। अगर हमें ज्यादा समय मिलता तो हम फिल्म को और अधिक भव्य और बेहतर बना सकते थे।’

ऐतिहासिक कहानी पर बनी फिल्म के लिए जानकारी बेहद कम उपलब्ध थी, इसलिए फिल्म में बहु़त सी चीजों को उन्होंने अपनी कल्पना के अनुसार ही रचा। पेशवा के दौर की वास्तुकला को समझने के लिए वह महाराष्ट्र के भीतरी इलाकों में भी गए। चटर्जी ने ‘बाजीराव मस्तानी’ के निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ ‘गुजारिश’ में भी काम किया था।

भंसाली के बारे में उन्होंने कहा, ‘कोई भी निर्देशक मुझे काम करने के लिए इतनी स्वतंत्रता नहीं देता, जितनी संजय देते हैं। उनके साथ काम करने पर बेहद सकारात्मक माहौल होता है। आपको लगता है कि आपके साथ एक सच्चा कलाकार खड़ा है।’

‘चक दे इंडिया’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफर का फिल्मफेयर अवॉर्ड जीत चुके चटर्जी भंसाली को अपने पसंदीदा निर्देशकों में से एक मानते हैं और उनके साथ फिर से काम करने के इच्छुक हैं।


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