इस पोस्ट में कॉमेडियन ने लिखा, ‘मैं हमेशा से एक्टिंग और लोगों का मनोरंजन करने में अच्छा था। मुझे याद है कि 12वीं क्लास में मैंने एक ड्रामा प्रतियोगिता में भाग लिया था, जिसमें एक मुख्य अतिथि ने मुझसे कहा, ‘मुझे इसमें पार्टिसिपेट नहीं करना चाहिए था, क्योंकि यह दूसरों के साथ अन्याय होगा।’ थिएटर में अपनी मास्टर्स पूरी करने के बाद मैं मुंबई आ गया। लेकिन कुछ महीनों तक मैंने सिर्फ पार्टी की। मैं अपनी बचत के पैसे लगाकर यहां एक पॉश एरिया में रहने लगा। उस समय मैं केवल 500 रुपए कमाता था, लेकिन मुझे लगता था कि मैं जल्द ही सफल हो जाऊंगा।’
सुनील ग्रोवर (Sunil Grover) ने पोस्ट में आगे लिखा, ‘मुझे जल्द ही एहसास हो गया कि यहां मेरे जैसे कई लोग हैं, जो अपने शहर में तो सुपरस्टार हैं, लेकिन यहां एक स्ट्रग्लर ही हैं। जल्द ही मेरी आमदनी के सारे रास्ते बंद हो गए। ऐसे में मैंने अपने पापा को याद किया और सोचा कि मैं अपने सपनों को ऐसे ही नहीं जाने दूंगा। इसके बाद मैंने काम करना शुरू कर दिया। मुझे एक टीवी शो में काम करने का मौका मिला था, लेकिन सेट पर न पहुंच पाने की वजह से मुझे रिप्लेस कर दिया गया। इसके बाद मैंने वॉइस ओवर का काम करना शुरू कर दिया। उसी समय के आस-पास मुझे एक रेडियो शो करने का ऑफर मिला, जो कि दिल्ली में प्रसारित होने वाला था। लेकिन शो के लाइव जाने के बाद यह वायरल हो गया और इसे पूरे भारत में प्रसारित करने का फैसला लिया गया।’
सुनील ग्रोवर ने गुत्थी के किरदार के बारे में बताते हुए लिखा, ‘इसके बाद मैंने रेडियो और टीवी से जुड़े कई काम किये। उसके बाद ही मुझे गुत्थी किरदार मिला, जो हर घर में जाना जाने लगा। मुझे याद है जब मैं एक लाइव शो में स्टेज पर जा रहा था तो वहां बैठे लोग काफी मेरे लिये चिल्लाने और हूटिंग करने लगे। यह देखने के लिए कि पीछे कोई और तो नहीं है मैं पीछे मुड़ा, लेकिन पता चला कि यह सब मेरे लिए ही था। मुझ जैसे युवार लड़के के लिए इस क्षण को पाने में काफी समय लगा।’