विशाल ने लिखा, ‘यूएस में 13 जून को शनिवार की रात थी। वहीं भारत में वो 14 जून की दोपहर थी। मैं और मेरा परिवार गहरी नींद में सोया था। इस बीच रात के करीब 2 बजे हमारे फोन पर कई कॉल्स आने लगे। परेशान होकर जब मैंने फोन उठाया तो मानो मेरे सामने पूरी दुनिया धड़धड़ाकर गिर गई हो। मैं किसी से बात करता इससे पहले मैंने देखा कि कई लोग हमें फोन करके इस खबर की सच्चाई जानना चाहते थे। मैंने इस न्यूज को जब चेक किया तो ये जानकर बहुत डर गया कि सुशांत ने खुद की जान ले ली।’
विशाल ने आगे लिखा, ‘वो वक्त मेरे बहुत ही मुश्किलों से भरा था जब मुझे इस भयानक खबर को श्वेता को बताना था। मैं आज तक भी वो मंजर नहीं भूल पाया हूं। श्वेता का पहला रिएक्शन। रानी दी से उसकी बातचीत। मेरा दिल बुरी तरह टूट गया दोनों को रोते हुए देखकर। उस एक रात ने हमारी पूरी जिंदगी को बदलकर रख दिया। कोरोना के कारण बहुत ही मुश्किल से हमें एक दोस्त की मदद से फ्लाइट में एक सीट मिली। लेकिन उस रात की सुबह इससे भी ज्यादा मुश्किल थी क्योंकि हमें बच्चों को बताना था कि उनके प्यारे मामा अब इस दुनिया में नहीं रहे।’
विशाल ने कहा कि ‘मैं यह सब इसलिए बता रहा हूं कि क्योंकि दो महीने हो चुके हैं और हम अभी भी स्ट्रगल कर रहे हैं। जज्बात अभी भी उच्च हैं, आखें अभी भी गीली हैं। उस रात हमने क्या खोया ये शब्दों में बयां करना मुश्किल है। हमारी जिंदगी वापस से कभी सेम नहीं हो पाएगी। इसके बाद विशाल ने लिखा कि हम उम्मीद करते हैं कि इस केस की निष्पक्ष जांच हो ताकि हम सुशांत की यादों को जी सकें बजाए इसके कि सुशांत के साथ क्या हुआ था, उसे बचाया क्यों नहीं जा सका बस यही सोचते रहें।’