scriptSushant Singh Rajput case: रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया सुरक्षित, जानिए किसने क्या रखी दलील? | sushant singh rajput supreme court hearing on rhea chakraborty plea de | Patrika News

Sushant Singh Rajput case: रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया सुरक्षित, जानिए किसने क्या रखी दलील?

Published: Aug 11, 2020 07:10:51 pm

Submitted by:

Neha Gupta

सुशांत सिंह राजपूत केस (Sushant Singh Rajput case) में रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। सभी दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख (Supreme Court reserves judgement) लिया है।

Supreme Court reserves Judgement on Rhea Chakraborty plea in Sushant Singh Rajput case

Supreme Court reserves Judgement on Rhea Chakraborty plea in Sushant Singh Rajput case

नई दिल्ली | सुशांत सिंह राजपूत केस (Sushant Singh Rajput case) में रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। सभी दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख (Supreme Court reserves judgement) लिया है। वहीं गुरुवार यानी 13 अगस्त को सभी पक्षों को लिखित रूप में अपनी दलीलों को जमा करना है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। सुशांत केस में उनके पिता की तरफ से वकील विकास सिंह (Vikas Singh)और बिहार सरकार की तरफ से मनिंदर सिंह ने अपनी बात रखी। केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी अपना पक्ष रखा। जबकि रिया चक्रवर्ती की तरफ से वरिष्ठ वकील श्याम दीवान और महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना पक्ष रखा।

सुशांत केस में उनके पिता और बहन की तरफ से कहा गया कि कथित रूप से हत्या है, आत्महत्या नहीं है। सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह की तरफ से कहा गया कि आखिर दिवंगत एक्टर के मृत शरीर का कोई वीडियो क्यों नहीं है। सुशांत की बहन उनसे 10 मिनट की दूरी पर रहती थी तो उन्हें सबसे पहले क्यों नहीं बुलाया गया। जब बॉडी पंखे पर नहीं देखी बेड पर देखी तो फिर कैसे मुंबई पुलिस ने इसे सुसाइड घोषित कर दिया। सुशांत केस में मुंबई पुलिस सबूतों को मिटाने का काम कर रही हैं। दिन पर दिन सभी साक्ष्यों को मिटाया जा रहा है। हमें मुंबई पुलिस पर भरोसा नहीं है। सुशांत के गले पर बेल्ट के निशान हैं। इसके अलावा उनके शरीर पर कई चोटे भी थी जिसकी जांच क्यों नहीं की गई। मुंबई पुलिस ने इस केस को निपटाने का काम किया है।

वहीं रिया चक्रवर्ती के वकील ने सुशांत केस की एफआईआर पटना में दर्ज होने को गलत बताते हुए कहा कि मामला मुंबई का है तो वहीं रहना चाहिए। कानूनी रूप से ये बिल्कुल गलत है। रिया चक्रवर्ती का पक्ष रखते हुए श्याम दीवान ने कहा कि वो पहले से ही बेहद परेशान हैं। सुशांत के जाने का उनका बड़ा सदमा लगा है। वो सुशांत से प्यार करती थी। उऩके खिलाफ मीडिया में गलत तरीके से खबरे पेश की जा रही हैं। उन्हें बली का बकरा बनाया जा रहा है। मुंबई पुलिस इस केस की जांच कर रही है। सीबीआई जांच को लेकर जब सवाल किया गया कि क्या आप ऐसा चाहते हैं? तो श्याम दीवान ने कहा कि हां हम चाहते हैं लेकिन पहले मुंबई पुलिस इस केस की जांच करें उसके बाद तय होना चाहिए क्या करना है।

केंद्र सरकार की तरफ से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कई अहम बातें रखी। मुंबई पुलिस ने अब तक जो भी जांच की है वो ना के बराबर है उसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने अभी तक एफआईआर दर्ज तक नहीं की। जो लोग आरोपी हैं उनसे सही से पूछताछ नहीं हुई। जिन 56 लोगों के बयानों को दर्ज किया गया है उसका अब कोई कानूनी मतलब नहीं है। मुंबई पुलिस लगातार सवालों के घेरे में है। आखिर रिया के खिलाफ अब तक केस क्यों नहीं दर्ज किया गया। कैसे मुंबई पुलिस ने एक रहस्मनई मौत को सुसाइड का नाम दे दिया। रिया चक्रवर्ती जो पहले खुद सीबीआई जांच की डिमांड कर रही थी अब क्यों पीछे हट गई हैं?

बिहार सरकार के वकील मनिंदर सिंह की तरफ से कहा गया कि मुंबई पुलिस ने ठीक से जांच नहीं की। सुशांत के पिता को पटना में केस दर्ज कराने का पूरा अधिकार था। महाराष्ट्र सरकार आखिर सीबीआई जांच से क्यों डर रही है? ऐसा क्या है जो वो छुपाना चाहती है? मुंबई पुलिस की तरफ से बिहार पुलिस को कोई सहयोग नहीं दिया गया। यहां तक कि बिहार पुलिस के अफसर को जबरन क्वारेन्टीन कर दिया गया।

महाराष्ट्र सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से कहा गया कि बिहार पुलिस और सरकार सुशांत केस में राजनीति करण कर रही है। चुनाव के चलते बिहार सरकार ऐसा कर रही है। मुंबई के केस में उनका हस्तक्षेप नहीं बनता है। जब तक उस राज्य की सरकार इसकी इजाजत ना दें तब तक दूसरा राज्य सीबीआई जांच की मांग कैसे कर सकता है। ये कानूनी तौर पर पूरी तरह से गलत है। जो भी इस केस में हो रहा है वो संघीय ढांचे के खिलाफ है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो