इंटरव्यू में सुष्मिता सेन ने बताया कि जब मिस यूनिवर्स का खिताब जीतकर वह वापस घर आईं थी, तब उन्हें डायरेक्टर महेश भट्ट का कॉल आया था। बतौर सुष्मिता- महेश ने मुझे कॉल किया और कहा मेरी अगले फिल्म में आप काम करना चाहती हो। आपको सुष्मिता सेन का किरदार' निभाना है। तब मैंने उनसे कहा कि मुझे एक्टिंग नहीं आती है और न ही मैंने कोई क्लासेज लीं हैं। इस पर महेश ने कहा कि मैंने ये नहीं कहा कि आप एक्ट्रेस हो।
हालांकि उन्होंने काफी भरोसा दिया और उसके बाद में फिल्म के सेट पर पहुंच गई। सुष्मिता ने बताया मैं इसका महूर्त शॉट कर रही थी, जिसमें मुझे अपनी इयरिंग कानों से खींच के निकालनी थी और किसी पर फेंकनी थी, लेकिन ये मुझसे नहीं हो रहा था। मैं इतना बुरा कर रही थी कि बता भी नहीं सकती। ऐसे में तमाम लोगों के सामने महेश ने मुझसे कहा कि अरे कहां से आ गई हो कुछ नहीं आ रहा। उन्होंने मेरी ये हिचक तोड़ने के लिए 40 मीडिया पर्सन, 20 प्रोडक्शन असिस्टेंट के सामने, मुझपर पब्लिकली अटैक किया वो सबके सामने बोलने लगे- "क्या लेके आए हो? कैमरे के सामने इस तरह मिस यूनिवर्स का रोल कर रही है, ये अपनी जान बचाने के लिए भी एक्टिंग नहीं कर सकती।
इसके बाद फिर मैंने गुस्से में आकर अपने कानों के इयरिंग फेंक दिए, जिसकी वजह से मैं घायल भी हो गई और रोते हुए वहां से उठ कर चल दी। महेश ने मेरा हाथ पकड़ के रोका। मैंने उनको गुस्से में बोला कि आप मुझसे ऐसे बात नहीं कर सकते। हालांकि वह महेश भट्ट की एक चाल थी, मुझे गुस्सा दिलाने की. उसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे सीन में आपका यही गुस्सा चाहिए। कैमरे के सामने जाओ और ये गुस्सा दिखाओ।
आपको बता दें कि सुष्मिता सेन ने 1994 में मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था और इसके बाद 1996 में महेश भट्ट की फिल्म 'दस्तक' से उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा था। उन्हें 'बीवी नं. 1', 'फिजा', 'आंखें', 'मैं हूं न' और 'मैंने प्यार क्यों किया' जैसी फिल्मों में देखा जा चुका है।