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गुरू-शिष्य पर बनी पहली फिल्म थी ‘जागृति’, जानें ऐसी ही कई फिल्मों के नाम

Published: Sep 05, 2018 11:28:14 am

Submitted by:

Preeti Khushwaha

फिल्म ‘पड़ोसन’ में हास्य अभिनेता महमूद संगीत शिक्षक की भूमिका में दिखाई दिये थे।

Teachers Day special

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हिंदी फिल्म जगत में अभिनेताओं के शिक्षक के किरदार को हमेशा से दर्शकों का भरपूर प्यार और सम्मान मिलता रहा है क्योंकि शिक्षक के बिना राष्ट्र के विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती। साल 1954 में प्रदर्शित फिल्म ‘जागृति’ से लेकर हाल में वर्ष हाल के वर्ष में प्रदर्शित फिल्म ‘आरक्षण’ तक में शिक्षक के दमदार किरदार को रूपहले पर्दे पर बखूबी पेश किया गया है। व्यक्ति के जीवन में माता-पिता के बाद यदि सर्वाधिक प्रभाव किसी अन्य का होता है तो वह निश्चित रूप से शिक्षक का ही है। जो माता-पिता की तरह निस्वार्थ भाव से अपने छात्रों को जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की राह दिखाता है।

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शिक्षक पर बनी पहली फिल्म थी ‘जागृति’:
वर्ष 1954 में प्रदर्शित फिल्म ‘जागृति’ संभवतः पहली फिल्म थी। जिसमें शिक्षक और छात्र के रिश्ते को बड़े पर्दे पर बेहद ही खूबसूरती के साथ दिखाया गया था। फिल्म में अभि भटृाचार्य ने शिक्षक की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के संगीतकार हेमंत कुमार थे। इसका एक गीत ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखाये झांकी हिंदुस्तान की…’ आज भी लोकप्रीय है। इसके बाद साल 1955 में राज कपूर के बैनर तले बनी ‘श्री 420’। हालांकि यह फिल्म एक प्रेम कथा पर आधारित फिल्म थी लेकिन इसमें अभिनेत्री नरगिस ने ऐसी आदर्श शिक्षिका की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म का गाना ‘इचक दाना बिचक दाना…’ श्रोताओं मे आज भी लोकप्रिय है।

 

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संगीत टीचर बन महमूद ने सभी को हंसाया:
वर्ष 1968 में आई फिल्म ‘पड़ोसन’ में हास्य अभिनेता महमूद संगीत शिक्षक की भूमिका में दिखाई दिये थे। फिल्म में एक्ट्रेस सायरा बानो को संगीत सिखाते नजर आए थे। इसके बाद साल 1972 में रिलीज हुई फिल्म ‘परिचय’। इसमें शिक्षक और छात्रों के बीच के संबध को बेहद खूबसूरती के साथ दिखाया गया। फिल्म में जितेन्द्र ऐसे शिक्षक की भूमिका में थे जो एक घर में बच्चों को पढ़ाने के लिये नियुक्त किये जाते हैं। इसके बाद आई ‘इम्तिहान’, संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘ब्लैक’, ‘चुपके चुपके’, ‘कस्मे वादे’, ‘दो और दो पांच’, ‘आरक्षण’, ‘बुलंदी’, ‘मोहब्बते’, ‘तारे जमीन पर’ जैसी फिल्मी रिलीज हुईं। जिसमें गुरू और शिष्य के रिश्ते को बड़े ही अनमोल रूप में दिखाया गया है।

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