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अमिताभ-आयुष्मान की फिल्म ‘Gulabo Sitabo’ 16 भाषाओं में सबटाइटल के साथ हुई रिलीज

locationमुंबईPublished: Jun 12, 2020 04:43:37 pm

Submitted by:

Shaitan Prajapat

अमिताभ बच्चन ( Amitabh Bachchan) और आयुष्मान खुराना (Ayushman Khurana) स्टारर फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ (Film Gulabo Sitabo) का प्रीमियर 16 भाषाओं के सबटाइटल के साथ हो गया, जिसमें अरबी, रूसी, पोलिश और जर्मन भाषा भी शामिल हैं।

Amitabh Bachchan turned into Mirza

Amitabh Bachchan turned into Mirza

बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन ( Bollywood megastar Amitabh Bachchan) और आयुष्मान खुराना (Ayushman Khurana) स्टारर फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ (Film Gulabo Sitabo) का प्रीमियर 16 भाषाओं के सबटाइटल के साथ हो गया, जिसमें अरबी, रूसी, पोलिश और जर्मन भाषा भी शामिल हैं। शूजीत सरकार का निर्देशन ‘गुलाबो सिताबो’ ड्रामा फिल्म अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम होगा, क्योंकि हाल ही में कोरोनावायरस के कारण सभी सिनेमाघरों में ताला लगा हुआ है। फिल्म का प्रीमियर लगभग 16 सबटाइटल भाषा के साथ होगा। यह अरबी, रूसी, पोलिश, जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश, इतालवी, पुर्तगाली, इन्डोनेशियाई, मलय, कोरियाई, ग्रीक, हिब्रू, तुर्की के साथ अंग्रेजी में रिलीज होगा।


आयुष्मान खुराना (Ayushman Khurana) का कहना है कि फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ में उनके सह-कलाकार अमिताभ बच्चन एक स्वार्थी अभिनेता नहीं हैं, बल्कि बेहद सहयोगी हैं। आयुष्मान का मानना है कि बिग बी में एक बच्चा आज भी जीवित है, जो उन्हें एक बेहतरीन कलाकार बनाता है। अमिताभ संग अपने काम करने के अनुभव को साझा करते हुए आयुष्मान ने बताया, ‘मेरी यह धारणा थी कि एक इंसान के तौर पर वह बेहद गंभीर मिजाज के होंगे, लेकिन उनमें मौजूद बच्चों जैसी आदतें उन्हें उनके अन्य समकालीन अभिनेताओं से अलग करती है। वह जोश व उत्साह से परिपूर्ण हैं। उनमें उनका बचपन आज भी जिंदा है, जो उन्हें एक बेहतरीन कलाकार बनाता है।’

अमिताभ बच्चन ( Amitabh Bachchan) के लिए उनका प्रत्येक प्रोजेक्ट ( projects) अपनी तरह की एक नई चुनौती (challenge) लेकर आता है और उनकी नई फिल्म ‘गुलाबो सीताबो’ (Film Gulabo Sitabo)भी इस मामले से इतर नहीं है। अमिताभ ने शूजित की इस फिल्म में काम करने के दौरान आई सबसे बड़ी चुनौतियों के बारे में बताया, हर फिल्म प्रोजेक्ट उन लोगों के लिए एक चुनौती है जो उस पर काम करने के लिए सहमत हैं। ‘गुलाबो सिताबो’ भी किसी भी तरह से कम नहीं थी। उन्होंने आगे कहा, हां (वहां) हर दिन चार से पांच घंटे तक प्रोस्थेटिक मेकअप (prosthetic makeup) में रहता था और इसमें परेशानी होती है। बुजुर्ग मिर्जा की मुद्रा (फिल्म में उनका चरित्र), मई की तेज गर्मी का मौसम। लेकिन यदि आप अपने आप को पेशेवर कहते हैं तो यह सब इसके साथ आता है, और आप इसे अच्छी तरह से स्वीकार करते हैं और इसका आनंद लेते हैं।

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