उन्होंने बताया, जब शोले बन रही थी उस वक्त मैं 17 साल का था। हालांकि फिल्मों में मैं 16 साल की उम्र से ही काम करने लगा था। मैं अपने गुरुओं में से एक ऋषिकेश मुखर्जी के पास एडिटिंग सीख रहा था। वह उस दौर के जाने-माने एडिटर थे और हम सभी जानते हैं कि वह एक मशहूर निर्देशक भी रहे हैं, तो शोले के दौरान मैं रमेश सिप्पी सर की चेयर के पीछे बैठा रहता था और उनके हर काम को बारीकि से देखता था और उन्हें एडिट करता था।
अपनी बात को जारी रखते हुए सचिन ने आगे कहा, इस बीच सिप्पी सर कुछ दिनों से मुझ पर गौर कर रहे थे और आखिरकार उन्होंने मुझसे पूछ ही लिया क्या मुझे एडिटिंग में दिलचस्पी है। मैंने उन्हें बताया कि मैंने इसकी ट्रेनिंग ली है और ऋषिकेश सर के लिए पिछले दो सालों से काम कर रहा हूं। मैं इसे किस्मत ही मानता हूं कि मुझे आनंद (1971) में ऋषिकेश दा के लिए काम करने का मौका मिला था, इस फिल्म में मैंने नेगेटिव्स काटने का काम किया था। ऋषिकेश सर कहा करते थे, नेगेटिव्स सचू बाबा काटेगा। वह मुझे सचू बाबू के नाम से बुलाते थे।
सचिन ने आगे बताया, इसके बाद रमेश जी ने मुझसे पूछा कि क्या मैं फिल्म के एक खास एक्शन सीक्वेंस के लिए उन दो लोगों में से एक हो सकता हूं जो इस वक्त यहां नहीं है और उन्हें इसके लिए दो ही लोग चाहिए। मैं इस बात से काफी खुश हुआ और उन्होंने बताया कि मैं इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे ले सकता हूं, मैं बस 17 साल का ही हूं। उन्होंने कहा, उम्र मायने नहीं रखती है और मुझे तुममें कोई खामी नजर नहीं आती है। तुम इस इंडस्ट्री में साढ़े चार साल की उम्र से हो और मैं तुम्हें 17 साल नहीं बल्कि 27 साल के एक पेशेवर शख्स के रूप में देखता हूं।
सचिन के साथ इस दृश्य में संजीव कुमार ( Sanjiv Kumar ) , धर्मेंद्र ( Dharmendra ) और अमिताभ बच्चन ( Amitabh Bachchan ) जैसे सितारें थे। अभिनेता ने इंडियाज बेस्ट डांसर’ ( Indias Best Dancer ) के गणेश महोत्सव स्पेशल एपिसोड की शूटिंग के दौरान यह किस्सा साझा किया।