scriptओटीटी प्लेटफॉर्म पर ‘टाइम्स ऑफ म्यूजिक’ 20 से, पुराने गाने नए अंदाज में | Times of Music on OTT from 20th June | Patrika News

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ‘टाइम्स ऑफ म्यूजिक’ 20 से, पुराने गाने नए अंदाज में

locationमुंबईPublished: Jun 13, 2020 10:39:03 pm

ग्यारह एपिसोड के इस शो में जो दूसरे संगीतकार शिरकत करेंगे, उनमें राजेश रोशन के साथ हिमेश रेशमिया, बप्पी लाहिड़ी के साथ विशाल-शेखर, आनंदजी के साथ अजय-अतुल, यूफोरिया के साथ सचिन-जिगर, शांतनु मोइत्रा के साथ अमाल मलिक, अग्नि के साथ अमित त्रिवेदी, विजु शाह के साथ मिथुन, आनंद-मिलिंद के साथ साजिद खान और इंडियन ओशन के साथ स्नेहा खानवलकर शामिल हैं।

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 'टाइम्स ऑफ म्यूजिक' 20 से, पुराने गाने नए अंदाज में

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ‘टाइम्स ऑफ म्यूजिक’ 20 से, पुराने गाने नए अंदाज में

-दिनेश ठाकुर

पुराने गाने सभी का मन क्यों मोहते हैं? इसलिए कि उनमें शब्द, स्वर और सुर का सटीक तालमेल है। उनकी धुनों में शांति, सुकून और मध्यम लय का इस्तेमाल ज्यादा होता था। ऑर्केस्ट्रा में गिनती के वाद्य होते थे। आवाज लीड रोल में होती थी। साज सिर्फ लय और ताल में सहयोग के लिए रखे जाते थे। गाने वाले की आवाज में दम होता था तो तानसेन की तर्ज पर ‘दिया जलाओ जगमग जगमग’ वाला माहौल पैदा हो जाता था। आवाज गानों की असली रूह थी, जो सुनने वालों के दिल और दिमाग ही नहीं, रूह को भी छू जाती थी। दरअसल, पुराने जमाने का फिल्म संगीत आकाशवाणी के सुगम संगीत की तरह सरस और मध्यमवर्गीय हुआ करता था। उसमें न तो शास्त्रीय संगीत का अतिरेक था, न पश्चिमी साजों का शोर-शराबा। जब आप लता मंगेशकर का ‘ये दिल और उनकी निगाहों के साए’ या मोहम्मद रफी का ‘क्या से क्या हो गया’ सुनते हैं तो आपके जेहन में साज नहीं, आवाज, बोल और धुन ही देर तक गूंजती है। एक रूहानी गुनगुनाहट आपकी यादों का हिस्सा बन जाती है।

पुराने गानों की यादों को ताजा करने के लिए एक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 20 जून से ‘टाइम्स ऑफ म्यूजिक’ नाम का शो शुरू हो रहा है। पुराने दौर के किसी गायक के सदाबहार गाने को नए दौर के गायक कैसे गाएंगे, इस पर मिमिक्री काफी होती रही है। ‘टाइम्स ऑफ म्यूजिक’ में मिमिक्री नहीं होगी। इसमें नए और पुराने संगीतकार बारी-बारी से रू-ब-रू होंगे। दोनों एक-दूसरे की धुनों को अपने-अपने अंदाज में पेश करेंगे। मसलन दिग्गज प्यारेलाल (लक्ष्मीकांत के जोड़ीदार) के सदाबहार ‘इक प्यार का नग्मा है’ को सलीम-सुलेमान अपनी शैली में पेश करेंगे तो प्यारेलाल उनके किसी गाने को अपने हिसाब से रंगत देंगे।

ग्यारह एपिसोड के इस शो में जो दूसरे संगीतकार शिरकत करेंगे, उनमें राजेश रोशन के साथ हिमेश रेशमिया, बप्पी लाहिड़ी के साथ विशाल-शेखर, आनंदजी के साथ अजय-अतुल, यूफोरिया के साथ सचिन-जिगर, शांतनु मोइत्रा के साथ अमाल मलिक, अग्नि के साथ अमित त्रिवेदी, विजु शाह के साथ मिथुन, आनंद-मिलिंद के साथ साजिद खान और इंडियन ओशन के साथ स्नेहा खानवलकर शामिल हैं।

शो के सूत्रधार विशाल ददलानी होंगे। वे संगीतकारों और उनके सदाबहार गानों से जुड़े किस्से भी सुनाएंगे। शो का नक्शा तो नया-नया-सा लग रहा है, आगे सारा दारोमदार इस पर रहेगा कि इसे कैसे पेश किया जाता है। अगर पेशकश सलीकेदार रही तो संगीतप्रेमियों के लिए यह नया अनुभव होगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो