जानकारी के अनुसार अगर 50% भी हालत सुधरते हैं तो शायद सरकार शूटिंग शुरू करने की अनुमति दे सकती है, लेकिन अनुमति मिलने के बाद भी प्रोड्यूसर्स को शूटिंग में जरूरी नियमों का पालन करना होगा, इसके लिए फेडरेशन आफ वेस्टर्न इंडिया सिने एंप्लॉय ने कुछ गाइडलाइंस भी तैयार की है।
FWICE के प्रेसिडेंट बीएन तिवारी के अनुसार हम यह फैसला डेली वेजेस वर्करों को काम देने और प्रोड्यूसर के नुकसान को देखते हुए ले रहे हैं, लेकिन उससे पहले प्रोडूसर के साथ वर्चुअल मीटिंग कर कुछ गाइड लाइन तय करेंगे, उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के हालातों को देखते हुए सरकार से परमिशन मिलने की उम्मीद कम है, लेकिन अगर महाराष्ट्र में 50% हालात भी सुधरे तो हम सरकार से अपने प्रपोजल के साथ परमिशन मांगेंगे, lockdownके साथ ही सभी सीरियल की शूटिंग बंद कर दी गई थी, लेकिन अब हमें कोरोनावायरस के साथ जीने और उससे लड़ने के लिए प्रैक्टिस शुरू करनी होगी, वायरस तो लंबे समय तक चलने वाला है और इसकी कोई वेक्सीन भी नहीं बनी है, ऐसे में काम तो शुरू करना होगा, क्योंकि उसके बगैर तो काम नहीं चलेगा। इसलिए हमने सभी को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है। सेट पर एक इंस्पेक्टर भी रहेगा जो इंस्पेक्शन करेगा कि कौन मास्क पहन रहा है और कौन नहीं, नई शर्तों के मुताबिक किसी वर्कर की मौत होती है तो चैनल और प्रोड्यूसर्स उस वर्कर के परिवार को 50 लाख तक मुआवजा दे और उनका मेडिकल खर्चा भी उठाएं। एक्सीडेंटल डेथ पर तो प्रोडूसर ने 40-42 लाख तक दिए हैं, लेकिन कोविड-19 के लिए मिनिमम 50 लाख का कंपनसेशन रखा है, इसी के साथ शूटिंग के दौरान एक सेट पर 50% यूनिट के साथ ही काम करना होगा, वहीं 50 साल से ज्यादा की उम्र के मजदूरों को अभी घर रहने की सलाह दी गई है।