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कोरोना से जंग जीतने के बाद सेट पर पहुंची सारिका बहरोलिया ने बताए अपने अनुभव

locationमुंबईPublished: Oct 10, 2020 06:43:53 pm

Submitted by:

Subodh Tripathi

कोरोना से जंग जीतने के बाद सेट पर पहुंची सारिका बहरोलिया ने बताए अपने अनुभव

 सारिका बहरोलिया

सारिका बहरोलिया

एंड टीवी पर प्रसारित होने वाले शो गुड़िया हमारी सब पे भारी अभिनेत्री सारिका बहरोलिया ने कोरोना से मुक्त होने के बाद अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि उन्हें इस शो में गुड़िया का किरदार निभाना कितना अच्छा लगता है। उन्हें इस ब्रेक के दौरान अम्मा की डांट, भैया और स्वीटी भाभी का प्यार और बाबूजी और अम्मा की लड़ाई बहुत याद आई।
आपको बता दें कि सारिका कोविड-19 से पूरी तरह ठीक होने के बाद फिर उत्साह के साथ सेट पर लौट आई हैं और बहुत खुश नजर आ रही है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि सेट पर वापस लौट कर और फिर से मेरे इस बड़े परिवार के पास जाकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने बताया अचानक कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से मुझे ब्रेक पर जाना पड़ा। लेकिन इसने मुझे पूरी तरह से रिकवर होने और दोगुनी ऊर्जा और उत्साह के साथ वापस लौटने में मदद की है। मैं ग्वालियर में अपने परिवार की ओर जो मेरे साथ काम करने वाले सभी लोगों, इंडस्ट्री के दोस्त और फैंस की शुक्रगुजार हूं। जो मेरे साथ खड़े रहे, ईश्वर से मेरी जल्दी रिकवरी की प्रार्थना की, अब मैं वापस आ चुकी हूं।
उन्होंने बताया कि मैंने अपने जीवन जीने का तरीका उसी समय बदल लिया था। जब कोरोना भारत में अपने पांव पसारने लगा था। मैंने खुद के लिए खाना बनाना और टिफिन बॉक्स और पानी की बोतल साथ में रखना , हर घंटे हाथों को धोना और उचित स्वच्छता बनाए रखाना शुरू कर दिया। हालांकि अब मैं सेट पर अपने खाने के साथ अदरक, दालचीनी, कालीमिर्च , लोंग और तुलसी से घर में ही बने हुए काड़े की केतली साथ में लेकर आती हूं। इसके अलावा मैंने अपनी इम्युनिटी को बढ़ाने और फिट रहने के लिए पूरे दिन गर्म पानी पीना शुरु किया है। इसके साथ ही में बेसिक एक्सरसाइज और योगा भी करती हूं।
इस शो की शुरुआत से लेकर अब तक के सफर के बारे में बताते हुए अभिनेत्री ने कहा, यह एक यादगार यात्रा रही। मैंने एक लंबा सफर तय किया है, शो ने भी अगस्त में 1 साल पूरा कर लिया है। शुरुआत में बुंदेलखंडी में डायलॉग याद करना थोड़ा कठिन सा था। लेकिन समताजी, रविजी, मनमोहन भैया के सहयोग के साथ मैंने तुरंत ही इसे सीख लिया और तब से मैंने पीछे पलटकर नहीं देखा। यह टीम अविश्वसनीय रूप से सहयोग देने और उत्साह बढ़ाने वाली रही। वास्तव में तो टीम के हर सदस्य के साथ मेरा एक करीबी रिश्ता है। और वह मेरा एक बड़ा परिवार ही बन गया है।
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