script21 साल तक कर्मचारी बीमा निगम में बतौर क्लर्क अमरीश पुरी ने किया काम फिर ऐसे हुई फिल्मों में एंट्री | veteran actor amrish puri left government job for acting | Patrika News

21 साल तक कर्मचारी बीमा निगम में बतौर क्लर्क अमरीश पुरी ने किया काम फिर ऐसे हुई फिल्मों में एंट्री

locationनई दिल्लीPublished: May 16, 2022 01:33:04 pm

Submitted by:

Shweta Bajpai

बॉलीवुड में ऐसे कई अभिनेता हैं जिन्होंने भले विलेन का किरदार निभाया हो, लेकिन अपनी एक्टिंग से इन्होंने लोगों के दिलों पर छाप छोड़ दी। इनके निगेटिव रोल्स को देखने के बाद भी दर्शक उनको खूब पसंद करते थे।

veteran actor amrish puri left government job for acting

veteran actor amrish puri left government job for acting

इन्हीं में से एक थे ‘मोगैम्बो’ के नाम से मशहूर अभिनेता अमरीश पुरी। इन्हें अपने निगेटिव रोल के लिए खूब जाना जाता था। आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन लोगों के जेहन में उनकी फिल्में और शानदार एक्टिंग आज भी बसी हुई है, लेकिन क्या आपको पता है कि अमरीश पुरी फिल्मी दुनिया में आने से पहले सरकारी नौकरी करते थे। जी हां अमरीश पुरी फिल्मों में आने से पहले सरकारी नौकरी करते थे लेकिन फिल्मों में काम करने के शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने उसे छोड़ दिया था।
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक के रूप में हिंदी रंगमंच को जिंदा करने वाले इब्राहीम अल्क़ाज़ी 1961 में उनको थिएटर में लाए। फिल्मों में आने से पहले उन्होंने करीब 21 साल तक कर्मचारी बीमा निगम में बतौर क्लर्क काम किया। जब इन्होंने इस्तीफा दिया तब वे ए ग्रेड के अफसर हो चुके थे।
amrish_puri.jpg
जब अमरीश पुरी थिएटर में एक्टिव हो गए तब वो नौकरी तभी छोड़ देना चाहते थे। थिएटर के बाद अमरीश की मुलाकात सत्येदव दुबे से हुई, जो उस वक्त बेहतरीन डायरेक्टर, एक्टर और राइटर थे। सत्यदेव दुबे ने उनको कहा कि जब तक फिल्मों में अच्छे रोल नहीं मिलते वे ऐसा न करें।
सत्यदेव भले ही अमरीश से उम्र में छोटे थे, लेकिन अमरीश ने उन्हें अपना गुरु माना और उनके साथ काम करना शुरू किया। साल 1971 में आई फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में अमरीश पुरी ने अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया और दर्शकों को उनकी एक्टिंग खूब पसंद आई।
यह भी पढ़े- ‘ओम शांति ओम’ के गाने में शामिल न होने के लिए आमिर ने मारा था बहाना, देवानंद ने भी फराह को बोला था ना

अमरीश पुरी ने सत्तर के दशक में कई अच्छी फिल्में कीं। सार्थक सिनेमा में उनका मुकाम जबरदस्त हो चुका था लेकिन मुंबई के कमर्शियल सिनेमा में उनकी पहचान अस्सी के दशक में बननी शुरू हुई। इसकी शुरुआत 1980 में आई डायरेक्टर बापू की फिल्म ‘हम पांच’ से हुई जिसमें संजीव कुमार, मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी, राज बब्बर और कई सारे अच्छे एक्टर थे. इसमें पुरी ने क्रूर जमींदार ठाकुर वीर प्रताप सिंह का रोल किया था।
उनकी फिल्मों की लिस्ट में ‘चाची 420’, ‘दामिनी’, ‘गर्दिश’, ‘गदर’, ‘घातक’, ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’, ‘घायल’, ‘हीरो’, ‘करण अर्जुन’, ‘कोयला’, ‘मेरी जंग’, ‘मि. इण्डिया’ और ना जाने कितनी हिट फिल्में शामिल हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो