दरअसल, बॉलीवुड फिल्मों में स्लिम ट्रिम एक्ट्रेसेज़ का बोलबाला है। वहीं एक वक्त था जब जीरो फिगर का ट्रेंड चला था। कई एक्ट्रेसेज़ अपनी बॉडी पर इसलिए भी ज्यादा मेहनत करती हैं ताकि उन्हें आसानी से कोई भी रोल मिल सके। विद्या बालन ने बताया कि एक वक्त उन्हें अपनी बॉडी से नफरत होने लगी थी। वह भी अपना वजन कम करने की कोशिश करती रहती थीं। विद्या को ऐसा लगने लगा था कि उनका बढ़ा वजन ही असफलता का कारण है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था लंबे वक्त तक मुझे अपनी बॉडी से नफरत रही थी। मुझे लगता था कि फैट गर्ल हूं। मेरी फिल्में जब चलना बंद हो गई थीं तो मुझे लगता था कि ये मेरी बॉडी के कारण हो रहा है। एक वक्त था जब मैंने अपनी बॉडी को जिंदगी की सबसे बड़ी समस्या मान लिया था।
विद्या ने आगे बताया कि कई बार तो फिल्ममेकर्स उन्हें वजन कम करने के कंडीशन पर फिल्म में रोल देने को कहते थे। विद्या ने कहा एक समय तक मैं अपने वजन को कम करने की कोशिश करती रही लेकिन फिर मुझे समझ आ गया था कि ऐसा करने से कोई फायदा नहीं है। विद्या बालन ने कहा कि जब उन्होंने ‘द डर्टी पिक्चर’ में काम किया और फिल्म को काफी सराहना मिली, तब उन्हें समझ आया कि सफलता का संबंध वजन या मोटे-पतले शरीर से नहीं बल्कि टैलेंट से है। आपको बता दें कि विद्या बालन ने अपने करियर में कई शानदार फिल्मों में काम किया है। जैसे परिणीता, लगे रहो मुन्ना भाई, इश्किया, नो वन किल्ड जेसिका, द डर्टी पिक्चर, कहानी, बेगम जान, तुम्हारी सुलु, मिशन मंगल और शकुंतला देवी।