‘काम नहीं है तो उनके पास वेतन नहीं है, खाने को नहीं है, रहने को नहीं हैं। लाचार होकर गरीब लोग स्टेशन पहुंचे, ताकि वो अपने गांव जा सके। अब बांद्रा स्टेशन के बाहर एक मस्जिद है और किसी ने बहुत दिमाग इस्तेमाल करके एक शूट किया कि मस्जिद के बाहर लोग इकट्ठा हो गए और सारे मुसलमान हैं। जबकि ऐसा है नहीं। उस भीड़ में लोग थे यूपी के बिहार के थे, राजस्थान के थे, वो हिंदू थे, मुसलमान थे और उनमें एक बात समान थी कि वो सब गरीब थे।’
विशाल आगे कहते हैं कि ‘आप प्लीज देखें कि हमें किस तरह गुमराह किया जा रहा है। हमें किस तरह बांटा जा रहा है। भारत को तोड़ा जा रहा है। कृपया ऐसा न होने दें। जय हिंद।’