गौरतलब है कि आठ पुरोहितों ने काशी में पूरे विधि विधान के साथ पिंडदान किया। पिंडदान के दौरान वहां पर फूलों से बनी रंगोली भी नजर आई। पूरे पंडाल को हरी घास, दूर्वा से सजाया गया था। संजय दत्त ने आठ पुरोहितों के साथ पिता सुनील दत्त अपनी माता नरगिस, के साथ दादा-दादी और परदादा-परदादी का पिंडदान किया। पिंडदान के बाद संजय ने मां गंगा का अभिषेक 125 लीटर दूध से किया। अभिषेक के बाद उन्होंने आरती भी की। पिंडदान की पूरी विधि होने का बाद संजय पुरोहितों को दक्षिणा देकर विदा किया। गोयाकि, पिंडदान के दौरान फिल्म भूमि की कलाकार भी नजर आए। उन्होंने ने भी संजय के साथ इस विधि में अपना सह भाग दिया। बताया जाता है कि जैसे ही संजय दत्त के काशी पहुंचने की खबर लगी, उनके फैंस अपने नायक की एक झलक पाने के लिए रानी घाट की ओर भागे। घाट में काफी भीड़ एकत्र हो गई थी। सुरक्षा कारणों के चलते पुलिस को भीड़ को कंट्रोल करने के लिए हल्का बल प्रयोग भी किया।