6 अप्रैल 1931 में ब्राह्मण परिवार में जन्मीं सुचित्रा के पिता हेड मास्टर और मां गृहिणी थीं। आजादी की लड़ाई के समय सुचित्रा का परिवार बांग्लादेश के सिराजगंज से पश्चिम बंगाल पहुंचा। यहां सुचित्रा की महज 15 साल की उम्र में 1947 में दीबानाथ सेन से शादी करवा दी गई जो एक कामयाब बिजनेसमैन थे। 16 साल की उम्र में सुचित्रा ने बेटी मुनमुन सेन को जन्म दिया जो एक कामयाब एक्ट्रेस रही हैं।

कहा जाता है कि सुचित्रा सेन फिल्मों में इतनी व्यस्त हो गईं कि इससे उनकी शादीशुदा जिंदगी में दिक्कतें आने लगीं। वो पति और घर को समय नहीं दे पाती थीं। उनके पति दीबानाथ शराब पीने लगे, दोनों के बीच अनबन बढ़ती चली गई। आखिरकार दीबानाथ उन्हें छोड़कर अमेरिका चले गए, जहां 1970 में उनका निधन हो गया। जब 1978 में सुचित्रा की फिल्म प्रनोय पाशा फिल्म फ्लॉप हो गई तो सुचित्रा ने अचानक फिल्मी दुनिया छोड़ दी। इस समय सुचित्रा राजेश खन्ना के साथ नाती बिनोदिनी में काम कर रही थीं, लेकिन उनके अचानक चले जाने से ये फिल्म बीच में ही रुक गई।
सुचित्रा ने ग्लैमरस दुनिया को अचानक अलविदा कह दिया। निजी जिंदगी में उनके साथ क्या हो रहा था ये तो किसी को नहीं पता लेकिन वह खुद में ही उलझ सही गई थीं। खुद को एक छोटे से कमरे में बंद कर लिया था और एक बिस्तर पर पड़ी रहीं। उन्होंने सख्ती से सभी को मना कर दिया था कि वह किसी से मिलना नहीं चाहती हैं। वह परिवार से भी नहीं मिलती थीं। एक बार उनकी नातिन राइमा ने बताया था कि वह कमरे से निकलती ही नहीं थीं। अगर वह कमरे से बाहर आती भी थीं तो चेहरे पर कपड़ा ठके रखती थीं। फिर एक समय ये आया कि उन्होंने रामकृष्ण आश्रम के भरत महाराज से अध्यात्म की राह पकड़ ली। सुचित्रा को महज एक बार घर से बाहर तब देखा गया जब वो भरत महाराज के निधन पर नंगे पांव बेलूर मठ पहुंची थीं। सुचित्रा का नातिन राइमा सेन बताती हैं कि उनकी नानी कभी-कभी कमरे से बाहर आती थीं, लेकिन इस समय उनका तीन चौथाई चेहरा कपड़े से ढंका होता था।
लंग इन्फेक्शन के चलते 24 जनवरी 2013 को सुचित्रा को अस्पताल में भर्ती किया गया। उन्हें अस्पताल में भी छिपाकर रखा जाता था। एक महीने तक चले ट्रीटमेंट के बाद 17 जनवरी 2014 में सुबह 8ः25 पर हार्टअटैक से सुचित्रा का निधन हो गया। उनका प्राइवेसी की कद्र करते हुए अंतिम संस्कार में भी उनका चेहरा ढंक कर रखा गया। निधन के बाद इसी साल सुचित्रा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।