अमिताभ ने कहा, ‘भविष्य में, अगर औसजा या अन्य कोई हमारे इतिहास को लिखने या इसके बारे में बात करता है तो मैं आगे बढ़कर उनकी मदद और सहयोग करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। मुझे बहुत गर्व है कि औसजा ने मुझे किताब की भूमिका लिखने की जिम्मेदारी सौंपी और यह किताब बिल्कुल वही है, जो मैंने किताब के बारे में व्यक्त किया है … वह समय भाग रहा है।’
अमिताभ ने कहा, ‘शुरुआती दिनों में, मैं समझ सकता हूं कि संचार के इतने सारे माध्यम नहीं थे और इसलिए ऐसा कुछ संभव नहीं था, लेकिन अब ये हमारे पास हैं। कृपया इसे (इतिहास का लेखन) अधिक ध्यान , मूल्य और सम्मान दें, क्योंकि भारतीय फिल्म उद्योग वास्तव में एक बहुत सम्मानजनक स्थान है।’ सदी के महानायक ने किताब की अवधारणा की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें बॉलीवुड शब्द पसंद नहीं है। उन्होंने इसका इस्तेमाल करने से इंकार कर दिया।
देश में सिनेमा पर दस्तावेजी इतिहास की कमी पर उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा से पाया है कि हम बहुत काम करते हैं, और हम फिल्म उद्योग को 100 साल का बनाने जा रहे हैं, लेकिन वास्तव में हमारे पास हमारे काम का किसी भी तरह का दस्तावेज नहीं है। कई बार मैंने अपने कई सहयोगियों और अन्य लोगों से इस बारे में बात की, जो फिल्म उद्योग से जुड़े हुए हैं।’ बिग बी ने अफसोस जताते हुए कहा, ‘ये वो क्षण हैं, जो खो चुके हैं और भूला दिए गए हैं, और हमें यह कभी नहीं पता चलेगा।’