फिल्म इंडस्ट्री में पीड़ितों को सुरक्षा मिले: ऋचा चड्ढा
#MeToo कैंपेन के तहत ही अदाकारा ऋचा चड्ढा ने स्वीकारा था कि बॉलीवुड में यौन उत्पीड़न तो आज आम बात हो गई है। इस बात को स्वीकार करना तो आसान होता है, लेकिन इसके खिलाफ खुलकर खड़ा होना काफी मुश्किल। उनका मानना है कि अगर आप उन लोगों का नाम लेते हैं, तो आपको दुबारा काम मिले इस बात की गारंटी नहीं होती। ऋचा के इस बयान के बाद कई लोगों ने उन पर तंज भी कसा। ऋचा का मानना है कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में इस तरह की व्यवस्था नहीं है, जहां पीड़ितों को सुरक्षा मिले।
काम मिले या नहीं लेकिन शर्तों के आगे ना झुकें: स्वरा भास्कर
बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने एक इंटरव्यू में कहा, फिल्मों के सेट पर एक रूढ़िवादी सोच का माहौल रहता है। ये एक ऐसी जगह होती है जहां किसी का शोषण करना आसान होता है। पीड़िता को आसानी से चुप भी करवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म की शूटिंग दूर दराज के इलाके में हो रही थी। फिल्म के डायरेक्टर मुझे दिनभर देखते और फिर फोन करते। साथ ही वो बार-बार साथ में डिनर करने के लिए दबाव डालते थे। ऐसे और बहुत से अनुभव हैं जिन्हें स्वरा ने शेयर किया। स्वरा ने कहा कि भले ही आपको फिल्मों मे रोल मिले या ना मिले पर आप उनकी शर्तों के आगे ना झुकें।
कॉलेज के दिनों में छेड़खानी का शिकार हुई थीं विद्या:
बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन ने भी #MeToo कैंपेन के तहत अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि वे भी यौन शोषण का शिकार हो चुकी हैं। विद्या बालन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वो कॉलेज में थीं तब उनके साथ छेड़खानी हुई थी। उस वक्त वो काफी डर गई थीं। विद्या ने कहा कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें। विद्या ने आगे बताया कि आज तक उन्हें अफसोस है कि वो उस शख्स को सबक नहीं सिखा सकीं।