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अमिताभ की अनदेखी कर “युधिष्ठिर” को बनाया गया FTII चेयरमैन

Published: Jul 11, 2015 12:43:00 pm

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा तैयार की गई लिस्ट को नजरअंदाज कर गजेन्द्र चौहान को इस पद के लिए नियक्ति की गई

Amitabh Bachchan

Amitabh Bachchan

नई दिल्ली। हालही में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के चेयरमैन बने गजेन्द्र चौहान को हटाने की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं गजेन्द्र की नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठने लगा है कि अचानक गजेन्द्र को चेयरमैन कैसे बना दिया गया।
gajendra chauhan

जानकारी के अनुसार 6 महीने पहले गजेन्द्र चौहान का नाम इस पद के संभावित लोगों की लिस्ट में नहीं था। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने दिसंबर में ऐसे उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार की थी, जो एफटीआईआई को ‘सेंटर ऑफ एक्सिलेंस’ बना सकते हैं। मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा अप्रूव किए गए इस नोट में अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, विधु विनोद चोपड़ा और जाह्नु बरुआ का नाम शामिल किया गया था। 
Amitabh Bachchan, Dilip Kumar awarded Padma Vibhushan

लिस्ट में शामिल नामों को नजरअंदाज करते हुए दूसरी लिस्ट में शामिल अभिनेता अनुपम खेर, फिल्म डायरेक्टर श्याम बेनेगल व अडूर गोपालकृष्णन के नाम पर भी चर्चा की गई। सरकार ने सभी नामों को नजरअंदाज कर 2004 से बीजेपी के सदस्य रहे टीवी एक्टर गजेन्द्र चौहान को इस पद के लिए चुन लिया। 

एफटीआई सोसाइटी में भी संघ के करीबी शामिल
मंत्रालय ने एफटीआईआई सोसाइटी में रखने के लिए प्रहलाद कक्कड़, इम्तियाज अली, रजत कपूर, विक्टर बनर्जी, सुमित्रा भावे और शशि कपूर जैसे हस्तियों का नाम शामिल किया था लेकिन सरकार ने इसे भी नजरअंदाज कर दिया। इस सोसाइटी के लिए संघ परिवार के करीबी रहे नरेंद्र पाठकर, प्रांजल सैकिया और राहुल सोलापुरकर के अलावा बॉलीवुड के विद्या बालन, राजकुमार हीरानी और संतोष सीवान की नियक्ती की गई। बाद में विवादों को देखते हुए सीवान, बरुआ और पल्लवी जोशी ने अपने पद से इस्तिफा दे दिया। गौरतलब है कि गजेन्द्र चौहान की नियुक्ति को लेकर पिछले एक महीने से विरोध चल रहा है और वहां के छात्रों के साथ ही सिनेमा जगत ने भी गजेन्द्र को उस पद के लिए काबिल नहीं बताया है।

अरुण जेटली भी नाखुश
वित्त मंत्रालय के साथ-साथ सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय संभाल रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली भी गजेन्द्र की नियुक्ति से खुश नहीं है। बता दें कि आई बी मिनिस्ट्री का ज्यादातर काम, जैसे नियुक्तिया आदि राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ देख रहे हैं। सूत्रों की माने तो राठौड़ ने पहली दो लिस्टों में शामिल नामों को नामंजूर कर दो महीने पहले गजेन्द्र चौहान के नाम के साथ तीसरी लिस्ट अपने वरिष्ठ मंत्री अरुण जेटली को सौंपी थी। जिसे मंत्रालय के बाहर के लोगों द्वारा तैयार किया गया था। वहीं चौहान की नियुक्ति को लेकर राज्यवर्धन राठौड़ का कहना है कि गजेन्द्र को इस लिए नियुक्त किया गया है की वह ज्यादा से ज्यादा समय संस्थान में मौजूद रह सकें और अच्छा काम कर सकें। 
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